स्वतंत्र समय, भोपाल
आयकर ( Income Tax ) विभाग ने सागर के पूर्व पार्षद और कारोबारी राजेश केशरवानी और उसके पांचों भाईयों की करोड़ों रुपए की संपत्ति अटैच कर ली है। यह संपत्ति सागर में अलग-अलग स्थानों पर आवासीय, व्यवसायिक के साथ कृषि के रूप में दर्ज हैं। विभाग ने करोड़ों की 44 प्रॉपर्टी अटैच की है। अफसरों को आशंका है कि यह प्रॉपर्टी खुर्द-बुर्द कर बेची जा सकती है। इसके चलते प्रॉपर्टी अटैच कर जमीन की बिक्री न होने देने के लिए पंजीयन विभाग के अफसरों को पत्र लिखा है।
Income Tax ने पंजीयन विभाग को लिखा पत्र
आयकर ( Income Tax ) विभाग ने इसमें प्रॉपर्टी अटैचमेंट की जानकारी देकर राजेश केशरवानी और उसके भाइयों की संपत्ति की रजिस्ट्री न करने के लिए कहा है। पंजीयन विभाग को लिखे पत्र में आयकर विभाग ने सागर में की गई आयकर छापेमारी की जानकारी दी। कहा कि राजेश केशरवानी, उनके भाई बृजेश केशरवानी और अन्य की अर्जित प्रॉपर्टी आयकर के जांच के दायरे में है। ऐसे में इस प्रॉपर्टी को बेचा या खरीदा न जा सके, इसके लिए 6 माह तक प्रॉपर्टी अटैच है। आईजी पंजीयन के साथ सागर कलेक्टर और पंजीयन विभाग के सब रजिस्ट्रार तक यह निर्देश भेजे हैं।
ब्याज पर पैसे देकर की काली कमाई
आयकर छापेमारी के बाद जांच में सामने आया है कि राजेश केशरवानी और उसका भाई बृजेश केशरवानी मनी लैंडिंग (ब्याज पर उधार देना) का काम करते थे। इसी की बदौलत करोड़पति बने हैं। दोनों भाई पैसा नहीं चुकाने वालों की गाडिय़ां और प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लेते थे। आयकर छापे में करीब 150 करोड़ की प्रॉपर्टी के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इनमें 100 करोड़ की संपत्ति बेनामी है। केशरवानी परिवार रियल एस्टेट और अन्य बिजनेस में भी शामिल है। केशरवानी परिवार के 7 फॉरच्यूनर, क्रिस्टा, इनोवा समेत अन्य लग्जरी वाहन मिले हैं।