Mamta Kulkarni को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर विवाद शुरू

स्वतंत्र समय, प्रयागराज

अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ( Mamta Kulkarni ) किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनी हैं। इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। शांभवी पीठ के पीठाधीश्वर श्री स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा- किन्नर अखाड़े को मान्यता देकर पिछले कुंभ में महापाप हुआ था। कुंभ का मजाक बनाने का प्रयास हो रहा है। ममता का नाम बहुत बड़ा है। ये लोग उसके नाम पर व्यापार करेंगे। ममता कुलकर्णी का विषय बहुत घातक और धर्म के खिलाफ है।

Mamta Kulkarni के संन्यास पर बोले महामंडलेश्वर

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा- अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ( Mamta Kulkarni ) को बहुत-बहुत आशीर्वाद और साधुवाद। वैराग्य कभी भी आ सकता है। मैं चाहूंगा कि सही मायने में महामंडलेश्वर का जो सही अर्थ है, अगर ममता जी उसके अनुसार चलेंगी तो पूरे देश में हमारी अध्यात्म परंपरा उच्च शिखर पर पहुंचेगी। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि का कहना है कि संन्यास का अधिकार सबको है। स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा- किन्नर अखाड़े को मान्यता देकर पिछले कुंभ में महापाप हुआ था, जिस प्रकार की अनुशासनहीनता हो रही है, वो बहुत घातक है। ये सनातन धर्म के साथ एक धोखा है, छल है। मैंने ममता कुलकर्णी से कहा- इन लोगों के जाल में मत पड़ो। स्त्री के लिए संन्यास नहीं है। तमाम ऐसी परंपरा है, जिसमें तुम विरक्त होकर रह सकती हो। उन्होंने कहा कि ऐसी जगह न गिरो कि लोग तुम्हारे ऊपर थूकें। किन्नर अखाड़े को लोग मजाक में ले रहे हैं।

सिर्फ नाम कमाने को कोई महामंडलेश्वर न बने

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा- ममता को बहुत-बहुत आशीर्वाद और साधुवाद। वैराग्य कभी भी आ सकता है। वैराग्य किस पर आए, यह कोई नहीं कह सकता। हमारी परंपरा में कई बड़े-बड़े ऋषि रहे, जो डाकू थे, वो बहुत बड़े संत हो गए। अगर ममता जी को आध्यात्मिक जगत में एंट्री मिली है तो बहुत अच्छी बात है। मंडलेश्वर का अर्थ है- मंडल का ईश्वर। एक मंडल लेकर उनको चलना है। उनके साथ सैकड़ों संत होने चाहिए। वो धर्म का प्रचार-प्रसार करें। मैं चाहूंगा कि सही मायने में महामंडलेश्वर का जो सही अर्थ है, अगर ममता जी उसके अनुसार चलेंगी तो पूरे देश में हमारी अध्यात्म परंपरा उच्च शिखर पर पहुंचेगी।

महामंडलेश्वर बनाने की परंपरा जूना अखाड़े की नहीं

जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता नारायण गिरी महाराज ने कहा-किन्नर अखाड़ा 2019 में रजिस्टर्ड हुआ था। वो जूना अखाड़े की एक शाखा है। उनको एक हिंदू परंपरा में जोडऩे के लिए श्री महंत महाराज ने अखाड़े में शामिल किया था। जब कोई अखाड़ा पूर्ण रूप से बन जाता है, तो उनको पावर है कि वो किसी को महंत, साध्वी या महामंडलेश्वर बनाएं। वो कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। इसमें कोई भी पुरुष, महिला या किन्नर कोई भी पदवी प्राप्त कर सकते हैं। हर अखाड़े के अपने मापदंड होते हैं।