Yuca कचरा पीथमपुर में नष्ट करने से स्वास्थ्य-पर्यावरण पर नहीं पड़ेगा असर

स्वतंत्र समय, इंदौर

यूनियन कार्बाइड ( Yuca ) भोपाल के कचरे को पीथमपुर में निष्पादन करने से आमजन के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। दहन प्रक्रिया से उत्पन्न होने वाले अवशेषों को सिक्योर्ड लैण्डफिल में सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जायेगा। इस अवशेष का एक भी कण भूजल में प्रवेश नहीं करेगा। कचरा जलाने की मानिटरिंग केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की जायेगी।

संभागायुक्त ने कहा Yuca कचरा जलाते वक्त मैं रहूंगा मौजूद

यह बात संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि जिस दिन पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड ( Yuca ) के कचरे को जलाया जाएगा, उस वक्त मैं स्वयं वहां पर मौजूद रहूंगा। इतना सुनते ही सभी पूर्व एवं वर्तमान प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि हम भी पीथमपुर जाने को सहर्ष तैयार हैं, क्योंकि जब इस कचरे के जलने से स्वास्थ्य और पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव नहीं पडऩा है तो फिर किस बात का भय है। यूनियन कार्बाइड भोपाल का यह कचरा वर्षों पुराना है और इसमें जो रासायनिक अवशेष हैं, उसमें मिथाइल आइसोसाइनाइड की उपस्थिति नहीं है।
इस अवशेष में 5 प्रकार का कचरा है, जिसमें परिसर की मिट्टी, रिएक्टर अवशेष, सेविन (कीटनाशक) अवशेष, नेफ्थाल अवशेष और सेमीप्रोसेस्ड अवशेष शामिल हैं। इन अवशेषों का निष्पादन वैज्ञानिक तरीके से किया जाना अनिवार्य है। उक्त कचरे में कार्बनिक पदार्थ है। इसलिए उन्हें भस्मक में जलाना अनिवार्य है। इस कचरे को पीथमपुर में इसलिये जलाया जा रहा है, क्योंकि प्रत्येक राज्य में एक डिस्पोजल साईट है जहां पर इस तरह का कचरा जलाने की सुविधाएं हैं। मध्यप्रदेश में यह डिस्पोजल साईट (टीएसडीएफ) पीथमपुर में है और इस साईट पर यूनियन कार्बाइड भोपाल के कचरे को निष्पादन करने के निर्देश उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दिये गये हैं। सिंह ने बताया कि पीथमपुर प्लांट में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने की आधुनिक सुविधाएं हैं और इसका प्रमाण केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिया गया है। जिसको उच्च न्यायालय जबलपुर और उच्चतम न्यायालय ने भी स्वीकार किया है। पीथमपुर प्लांट में कचरे को विभिन्न स्तर पर जलाया जायेगा। इसके बाद भी यदि कोई फ्लू गैस रह जायेगी, उसका भी उपचार करने की यहां व्यवस्था है। इस गैस के उपचार हेतु उपकरण स्प्रे डायर, मल्टी सायक्लान, ड्राय स्क्रबर, बैग फिल्टर, वेट स्क्रबर मौजूद है। फ्लू गैस से होने वाले उत्सर्जन के निरंतर मापन हेतु ऑनलाईन उत्सर्जन मॉनिटरिंग सिस्टम भी स्थापित है।

रेडियो एक्टिव कण भी नहीं है

डॉ. सिंह ने बताया कि वर्ष 2015 में भी न्यायालय के निर्देश पर भोपाल यूनियन कार्बाइड के 10 टन कचरे को सेम्पल के रूप में लाकर जलाया गया था। जिससे ये पता चल सके कि यह प्लांट कचरा जलाने के लिये उपयुक्त है। भोपाल के पूर्व कमिश्नर कविन्द्र कियावत ने कहा कि यूनियन कार्बाइड भोपाल के कचरे को पीथमपुर में निष्पादन करने से स्वास्थ्य और पर्यावरण पर किसी प्रकार का विपरीत प्रभाव नहीं पडऩा है, क्योंकि अब इस कचरे में मिथाइल आय सोसायनाईड गैस का कोई अस्तित्व नहीं है और इसमें किसी प्रकार के रेडियो एक्टिव कण भी नहीं है। जनता को विश्वास में लेकर ही कचरा जलाने की प्रक्रिया की जाये। आवश्यकता लगे तो नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जनता को जागरूक करना चाहिये। इसी प्रकार के विचार पूर्व कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने भी व्यक्त करते हुए कहा कि यूनियन कार्बाइड भोपाल के कचरे को पीथमपुर में निष्पादन करने से न तो भूजल प्रदूषित होगा और न ही मिट्टी को नुकसान पहुंचेगा, क्योंकि यह निष्पादन सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीके से किया जायेगा। इस कचरे का वैज्ञानिक तरीके से भस्मक करना अनिवार्य है, इसलिये इसका पीथमपुर डिस्पोजल साईट पर निष्पादन करना है। धार कलेक्टर रहे वी सी रावत ने भी इस प्रक्रिया को सुरक्षित बताया। श्रीमती जयश्री कियावत ने भी कहा कि इस प्रक्रिया में कोई ख़तरा नहीं है।