वाघा-अटारी बॉर्डर पर जोश हाई! देशभक्ति से गूंजा बीटिंग रिट्रीट समारोह

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वाघा-अटारी बॉर्डर पर आयोजित बीटिंग रिट्रीट समारोह ने एक बार फिर देशवासियों के दिलों में देशभक्ति की लौ प्रज्वलित कर दी। बीएसएफ के जवानों की जोश से भरी परेड और गगनभेदी नारों ने इस आयोजन को यादगार बना दिया। इस बार पहली बार समारोह में बिगुल की धुन को भी शामिल किया गया, जिसने माहौल को और भी रोमांचक बना दिया।

छह फीट के जवानों ने दिखाया दमखम

बीएसएफ के लंबे-चौड़े जवानों ने अपनी सटीक परेड और शक्तिशाली कदमों की गूंज से आसमान को थर्रा दिया। इस दौरान उनके देशभक्ति से ओतप्रोत प्रदर्शन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भारतीय दर्शकों ने ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ जवानों का हौसला बढ़ाया।

अद्भुत देशभक्ति और गर्व का संगम

अमृतसर के वाघा-अटारी बॉर्डर पर यह समारोह देशभक्ति, जोश और गर्व का अनोखा संगम प्रस्तुत करता है। स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने बीएसएफ जवानों के साहस और शौर्य की सराहना की। समारोह में पहली बार सैन्य डॉग की भागीदारी ने भी सबका ध्यान आकर्षित किया।

परंपरा और लोकप्रियता का इतिहास

बीटिंग रिट्रीट का यह समारोह साल 1959 से वाघा-अटारी बॉर्डर पर आयोजित किया जा रहा है और हर साल यह लाखों दर्शकों को अपनी ओर खींचता है। गणतंत्र दिवस की इस विशेष परंपरा ने एक बार फिर सभी को गर्व और प्रेरणा से भर दिया।