माघ मास की पावन मौनी अमावस्या पर श्रद्धा और आस्था की लहरें उमड़ पड़ीं। ब्रह्म मुहूर्त में ही हजारों श्रद्धालु मां नर्मदा और मां शिप्रा के पवित्र जल में डुबकी लगाने पहुंचे। स्नान के साथ-साथ घाटों पर कथा, पूजन-पाठ और दान-पुण्य का आयोजन भी किया गया।
मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान भी पड़ने से घाटों पर भारी भीड़ देखी गई। उज्जैन के राम घाट और सोमती कुंड पर भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाई, वहीं नर्मदा के ग्वारी घाट और जिलहरी घाट पर “हर-हर नर्मदे” के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया। जबलपुर, नर्मदापुरम और सीहोर में भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा।
प्रयागराज की भीड़ से बचने के लिए शिप्रा में डुबकी!
कुछ भक्तों ने बताया कि प्रयागराज में भीड़ अधिक होने के कारण उन्होंने शिप्रा नदी में स्नान कर पुण्य अर्जित किया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या पर स्नान, तर्पण, पिंडदान और दान-पुण्य करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। अन्नदान और वस्त्रदान का भी विशेष महत्व बताया गया है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि स्नान और धार्मिक अनुष्ठान सुचारू रूप से संपन्न हो सकें।