Maha Kumbh : मौनी अमावस्या पर तीन शंकराचार्यों ने किया अमृत स्नान

स्वतंत्र समय, प्रयागराज

महाकुंभ ( Maha Kumbh ) के 17वें दिन बुधवार को मौनी अमावस्या पर सबसे पहले तीन शंकराचार्यों ने अमृत स्नान किया। उनके बाद साधु-संतों ने छोटे-छोटे ग्रुप में अपने इष्टदेव के साथ सांकेतिक रूप से संगम स्नान किया। श्रृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी विधु शेखर भारती जी, द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी और ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने संगम में डुबकी लगाई। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा, बहुत आनंद आ रहा है। आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति हो रही है। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज रथ पर निकले। नागा साधुओं ने तलवार लहराईं। जयकारे लगाते हुए संगम घाट पहुंचे। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि महाराज ने संगम में डुबकी लगाई। हेलिकॉप्टर से संतों और श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई।

Maha Kumbh में बोले संत- दम हो तो रोक कर दिखाओ…

प्रयागराज महाकुंभ ( Maha Kumbh ) में भगदड़ के बाद अखाड़ों ने सुबह ‘अमृत स्नान’ स्थगित कर दिया था. हालांकि, हालात सामान्य होने के बाद फिर से ‘अमृत स्नान’ शुरू हुआ। दोपहर बाद जब दिगंबर अनी अखाड़ा के साधु-संत गंगा स्नान के लिए घाटों की तरफ निकले तो उनकी पुलिस से हल्की तकरार हो गई। अखाड़ा के महंत ने मौके पर मौजूद पुलिसवालों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘तुम्हारे में दम हो तो रोक कर दिखाओ हम इसी रास्ते से जाएंगे।’ दरअसल, पुलिस-प्रशासन दिगंबर अनी अखाड़ा के काफिले को दूसरे रूट से ले जाना चाह रहा था लेकिन अखाड़ा कथित तौर पर अपने हिसाब से घाट तक जाना चाह रहा था। पुलिस-प्रशासन का कहना था कि क्योंकि भीड़ बहुत ज्यादा है इसलिए अखाड़ा के काफिले को उधर जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। घटना का एक वीडियो सामने आया है जिसमें दिगंबर अनी अखाड़ा के काफिले में भारी भीड़ नजर आ रही है. रूट के दोनों ओर पुलिस और आमलोग मौजूद हैं. आगे-आगे बड़ी संख्या में साधु-संत चल रहे है। पीछे अखाड़ा प्रमुख रथ पर सवार हैं। इसी बीच रूट को लेकर वो नाराज हो जाते हैं और रथ पर खड़े होकर कहते हैं कि हम इसी रास्ते से जाएंगे, जिसके बाप में दम हो वो रोक कर दिखाए।

मौनी अमावस्या पर आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति

तडक़े अखाड़ों के साधु-संत अमृत स्नान के लिए निकले थे। इस बीच, भगदड़ के बाद संगम पर हालात बेकाबू हो गए। प्रशासन ने तुरंत अखाड़ों से अपील की- स्नान के लिए न जाएं। साधु-संतों ने बैठक की। पहले तय हुआ कि अखाड़ों के साधु-संत मौनी अमावस्या पर स्नान नहीं करेंगे। हालात पर 3 घंटे में काबू पा लिया गया। सीएम ने अखाड़ों से बात की। संत अमृत स्नान के लिए राजी हो गए। देर शाम तक 6.99 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई है। वहीं, 28 जनवरी तक 20 करोड़ लोग महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं। प्रशासन की कोशिश है कि आसपास के घाटों पर स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं को वापस किया जाए।

महाकुंभ भगदड़ में 35 से 40 मौत

प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर भगदड़ में मरने वालों की संख्या 35 से 40 है। सरकार ने 17 घंटे बाद महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत की पुष्टि की। डीआईजी वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉफ्रेंस की। उन्होंने कहा- महाकुंभ में हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई। इनमें 25 की शिनाख्त हो चुकी है। 60 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। बैरिकेडिंग टूटने की वजह से भगदड़ मची है। घाट पर कुछ बैरिकेड्स टूट गए, जिसकी वजह से जमीन पर सो रहे कुछ श्रद्धालु अफरातफरी में चढ़ गए। कुचलने से जो घायल हो गये, उनमें से कुछ की मौत हो गई। 29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकाल नहीं होगा। कोई वीआईपी प्रोटोकाल इंटरटेन नहीं किया गया। हादसा मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे हुआ। भगदड़ उस वक्त मची जब लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या के स्नान लिए इंतजार कर रहे थे।