स्वास्थ्य सेवा में क्रांति: आधुनिक चिकित्सा में बैरिएट्रिक सर्जरी का बढ़ता प्रभाव

भारत में मोटापा तेजी से एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का रूप ले रहा है। बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान और शारीरिक सक्रियता की कमी के कारण डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। ऐसे में, बैरिएट्रिक सर्जरी एक प्रभावी और दीर्घकालिक समाधान के रूप में उभर रही है। यह सर्जरी केवल वजन घटाने का माध्यम नहीं है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी सहायक सिद्ध हो रही है। पारंपरिक वजन घटाने के उपाय जैसे डाइटिंग और एक्सरसाइज कई बार गंभीर मोटापे के मामलों में कारगर नहीं होते। इस स्थिति में, गैस्ट्रिक बाईपास, स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी और एडजस्टेबल गैस्ट्रिक बैंडिंग जैसी बैरिएट्रिक सर्जरी प्रभावी विकल्प प्रदान करती हैं। भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) की रिपोर्ट के अनुसार, देश में बैरिएट्रिक सर्जरी की मांग प्रतिवर्ष 25-30% की दर से बढ़ रही है।

प्रसिद्ध बैरिएट्रिक सर्जन डॉ. अचल अग्रवाल बताते हैं कि, “बैरिएट्रिक सर्जरी केवल वजन घटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह टाइप 2 डायबिटीज और हृदय संबंधी समस्याओं के उपचार में भी मदद करती है। आधुनिक तकनीकों और मल्टीडिसिप्लिनरी अप्रोच के कारण यह सर्जरी अब अधिक सुरक्षित और प्रभावी हो गई है। मिनिमली इनवेसिव तकनीक, जैसे लैप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जरी, ने इस प्रक्रिया को पहले से अधिक सुरक्षित और कम जटिल बना दिया है। इन तकनीकों से मरीजों को कम दर्द, कम रिकवरी टाइम और बेहतर परिणाम मिलते हैं। भारत के प्रमुख अस्पताल अब मल्टीडिसिप्लिनरी केयर मॉडल अपना रहे हैं, जिसमें पोषण विशेषज्ञ, मनोवैज्ञानिक और फिजियोथेरेपिस्ट की टीम शामिल होती है। यह मॉडल सुनिश्चित करता है कि सर्जरी के बाद मरीज लंबे समय तक स्वस्थ जीवनशैली अपना सकें।“

बैरिएट्रिक सर्जरी को लेकर समाज में कई भ्रांतियां हैं। कुछ लोग इसे “आसान उपाय” मानते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि यह एक मेडिकल ट्रीटमेंट है, जो उन लोगों के लिए आवश्यक है जो गंभीर मोटापे से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य संगठनों और अस्पतालों द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि लोग बैरिएट्रिक सर्जरी के सही लाभों को समझ सकें। उदाहरण के लिए, मुंबई की 38 वर्षीय महिला, जिसने स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी करवाई, अपनी सफलता की कहानी साझा कर अन्य लोगों को प्रेरित कर रही हैं।

बैरिएट्रिक सर्जरी केवल वजन कम करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एक जीवन-परिवर्तनकारी चिकित्सा प्रक्रिया है, जो लाखों लोगों को स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीने में मदद कर रही है। भारत में मोटापे से जुड़ी बीमारियों की बढ़ती समस्या को देखते हुए, यह सर्जरी आशा की किरण बनकर उभरी है। अब समय आ गया है कि इसे सिर्फ एक इलाज के रूप में नहीं, बल्कि बेहतर जीवन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में स्वीकार किया जाए।