PM मोदी का प्रयागराज दौरा रद्द होने की संभावना, ये बड़ी वजह आई सामने

महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या के दूसरे शाही स्नान पर मची भगदड़ से हड़कंप मच गया। हादसे में अब तक 30 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इस घटना के बाद प्रशासन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष ने भी सरकार की तैयारियों पर निशाना साधते हुए घटना को कुप्रबंधन का नतीजा बताया है।

प्रधानमंत्री मोदी का दौरा हो सकता है रद्द!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 5 फरवरी को प्रयागराज आना था, लेकिन अब उनका यह दौरा रद्द होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

महाकुंभ के तीन बड़े स्नान बाकी

महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी, जिसमें पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति पर हुआ था। मौनी अमावस्या पर दूसरा अमृत स्नान हुआ, जिसमें लाखों श्रद्धालु पहुंचे, लेकिन भीड़ पर नियंत्रण न रख पाने के कारण यह हादसा हो गया।

अब महाकुंभ के तीन महत्वपूर्ण स्नान बाकी हैं:

बसंत पंचमी (3 फरवरी): ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 5:23 से 6:16 बजे तक
माघ पूर्णिमा (12 फरवरी): ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 5:19 से 6:10 बजे तक
महाशिवरात्रि (26 फरवरी): ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 5:09 से 5:59 बजे तक

कैसे हुआ हादसा? चश्मदीदों ने सुनाई दहशत भरी रात की कहानी

भगदड़ के चश्मदीदों ने जो कहानी बयां की, वो रोंगटे खड़े कर देने वाली है। श्रद्धालु विवेक दुबे और राहुल मिश्रा के मुताबिक, रात 12 बजे अचानक अनाउंसमेंट हुआ कि अमृत स्नान का समय हो गया है। हजारों लोग संगम के किनारे सोए हुए थे, लेकिन पुलिस हूटर बजाकर सबको जबरन उठाने लगी और कहने लगी – “अमृत बरस रहा है, अभी जाकर स्नान कर लो!”

भीड़ जैसे ही संगम नोज की ओर बढ़ी, भगदड़ मच गई। प्रमुख कारण:

पुलिस का पूरा ध्यान अखाड़ों के स्नान पर था, जबकि आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया।
आने-जाने का सिर्फ एक ही रास्ता था, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई।
जो लोग पहले से संगम पर थे, वे फंस गए और कई श्रद्धालु कुचले गए।

प्रशासन पर उठे सवाल, क्या मिल पाएगा न्याय?

इस हादसे ने श्रद्धालुओं को झकझोर कर रख दिया है। प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि भीड़ को नियंत्रित करने की व्यवस्था क्यों नहीं की गई? क्या इस हादसे से सबक लेकर आने वाले स्नानों के लिए कड़े इंतजाम किए जाएंगे?

अब सभी की निगाहें सरकार और प्रशासन के फैसलों पर टिकी हैं। क्या प्रधानमंत्री मोदी प्रयागराज आएंगे? क्या इस हादसे के बाद सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर किया जाएगा? जवाब तो आने वाला वक्त ही देगा, लेकिन इस हादसे ने महाकुंभ की भव्यता पर एक गहरी चोट जरूर पहुंचा दी है।