दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल को लगा बड़ा झटका, AAP के इन सात विधायकों ने दिया इस्तीफा

जैसे-जैसे दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राज्य की राजनीति अहम मोड़ ले रही है। चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं, विधायकों और मंत्रियों ने पार्टी को अलविदा कह दिया था, लेकिन हाल ही में उन्हें करारा झटका लगा है। मतदान में ठीक 5 दिन बचे हैं, ऐसे समय में सात विधायकों ने पार्टी को बड़ा झटका दिया है। उन्होंने घोषणा की कि वह विधायक पद के साथ-साथ पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहे हैं। इस संदर्भ में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को एक पत्र भेजा गया। विधायकों ने पत्र में खुलासा किया कि उन्हें पार्टी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि उन्हें इस चुनाव में टिकट नहीं दिया गया। आप से पहले भी जीत चुके इन सात विधायकों ने यह फैसला तब लिया जब पार्टी ने उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया।

‘इन विधायकों ने दिया इस्तीफा’

महरौली विधायक नरेश यादव, त्रिलोकपुरी विधायक रोहित कुमार, जनकपुरी विधायक राजेश ऋषि, कस्तूरबा नगर विधायक मदनलाल, आदर्श नगर विधायक पवन शर्मा, पालम विधायक भावना गौड़ और बिजवासन विधायक बीएस जून ने शुक्रवार को आप से इस्तीफा दे दिया। पालम विधायक भाव गौड़ ने अपने त्यागपत्र में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के प्रति गहरा असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनका केजरीवाल पर से भरोसा उठ गया है।

महरौली विधायक नरेश यादव ने भी घोर असहिष्णुता व्यक्त की। नरेश यादव को पिछले साल दिसंबर में पंजाब की एक अदालत ने कुरान अपवित्र करने के मामले में दोषी ठहराया था। इस मामले में उन्हें दो साल की जेल की सजा भी सुनाई गई थी। लेकिन नरेश यादव ने इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की। हालांकि, वह इस बात से नाखुश हैं कि आप ने इस बार दिल्ली चुनाव के लिए जारी पांचवीं सूची में नरेश यादव के स्थान पर महरौली निर्वाचन क्षेत्र से महेंद्र चौधरी को उम्मीदवार घोषित किया है।

त्रिलोकपुरी के विधायक रोहित कुमार ने ट्वीट किया कि वह दलित और वाल्मीकि समुदायों को सामाजिक न्याय दिलाने की उम्मीद में अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं। रोहित कुमार ने खुलासा किया कि आप ने अपने मतदाताओं से किए गए वादों को छोड़ दिया है और अनुबंध श्रमिकों से संबंधित प्रमुख मुद्दों को हल करने में विफल रही है।

जनकपुरी से दो बार विधायक रह चुके राजेश ऋषि ने कहा कि संतोष कोली का बलिदान अपमान है। उन्होंने कहा कि संतोष कोली के हत्यारे को टिकट देना आप कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि यह पार्टी निहित स्वार्थों से प्रेरित है और इसे एक अनियंत्रित गिरोह में बदल रही है। उन्होंने कठोर टिप्पणी करते हुए कहा कि पार्टी नेतृत्व भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और तानाशाही का पर्याय बन गया है।