उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या के अवसर पर 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु कुंभ मेले में पहुंचे हैं। ब्रह्म मुहूर्त से ही स्नान करने के इरादे से करोड़ों लोग घाटों पर पहुंच गए थे, लेकिन बुधवार सुबह दो बजे भगदड़ मच गई। उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया है कि इस दुर्घटना में कुल 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हो गए।
मृतकों के परिवारों को मुआवजा देना होगा
हालांकि, घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी सरकार जानबूझकर मौतों की संख्या छिपा रही है। उन्होंने बताया कि यद्यपि 30 लोगों के मरने की बात कही जा रही है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इससे अधिक लोगों की जान गई होगी। यह बात सामने आई कि यदि यह स्वीकार किया जाता है कि भगदड़ में अधिक लोग मारे गए हैं तो मृतकों के परिवारों को मुआवजा देना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने मुआवजा देने से बचने के लिए यह योजना बनाई है।
अखिलेश यादव ने नैतिक और राजनीतिक रूप से विफल होने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार मौतों की संख्या छिपा रही है, यही वजह है कि वह अभी तक मुआवजे की घोषणा नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में हुई भगदड़ के पीछे कोई साजिश नहीं थी, यह सिर्फ सरकार की विफलता के कारण हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहीं नहीं रुकते हुए तीखी टिप्पणी की और उन्हें सरासर झूठा करार दिया।
दो महिलाओं की भगदड़ में मौत
खासकर तब जब उत्तर प्रदेश सरकार ने दुर्घटना के लगभग 18 घंटे बाद आधिकारिक तौर पर मृतकों की संख्या घोषित की, उनसे यह पूछा गया कि तब तक उन्होंने क्या किया था। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह मृतकों के परिवारों को यथाशीघ्र सूचना उपलब्ध कराए तथा जान गंवाने वालों की सूची सार्वजनिक रूप से जारी करे। पूर्व वैदिक अधिकारी ने बताया कि इसी प्रकार पश्चिम बंगाल की दो महिलाओं की भगदड़ में मौत हो गई और उन्हें अभी तक मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिला है।
अखिलेश यादव ने कहा कि मृतकों के परिजनों ने बताया कि उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र के बदले कागज के छोटे-छोटे टुकड़े देकर शव सौंप दिए गए। उन्होंने कहा कि वे इन मुद्दों को बजट बैठकों में भी उठाएंगे। उन्होंने बताया कि वीआईपी सुविधा के कारण कई लोगों की जान चली गई है, लेकिन वे इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहते। अन्यथा, उन्होंने कहा कि वे केवल लोगों की मदद के लिए निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे।