Kinnar Akhara से ‘ममता’ निष्कासित

स्वतंत्र समय, प्रयागराज

90 के दशक में बॉलीवुड में जलवे बिखरेने वाली एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने मोह-माया त्यागकर महाकुंभ में संन्यास लिया था। उन्हें किन्नर अखाड़े ( Kinnar Akhara ) का महामंडलेश्वर बनाया गया था, लेकिन अब उन्हें इस पद से हटाते हुए अखाड़े से भी निष्कासित कर दिया गया है। उनके साथ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी निष्कासित कर दिया गया है। उनके साथ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया गया है। दोनों को अखाड़े से भी निष्कासित कर दिया गया है। ये कार्रवाई किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने की है।

Kinnar Akhara का पुनर्गठन होगा: दास

अजय दास ने शुक्रवार को ऐलान किया कि अब नए सिरे से किन्नर अखाड़े ( Kinnar Akhara ) का पुनर्गठन होगा। साथ ही जल्द ही नए आचार्य महामंडलेश्वर का ऐलान होगा। बता दें कि ममता को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद से ही विवाद जारी था। सवाल किए जा रहे थे कि एक स्त्री को इस अखाड़े का महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है।

संगम में किया था पिंडदान…

बता दें कि कुछ दिनों पहले ममता कुलकर्णी ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ 2025 में अपना पिंडदान किया था और संन्यास अपना लिया था। इसके बाद भव्य पट्टाभिषेक कार्यक्रम में उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया था। उनका नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरी रखा गया था। वो 7 दिनों तक महाकुंभ में रहीं, लेकिन तबसे ही इसको लेकर विवाद जारी था कि एक स्त्री को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया है।

अजय दास बोले… लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी भटक गईं

अजय दास ने लेटर जारी कर कहा- 2015-16 उज्जैन कुंभ में मैंने किन्नर अखाड़े लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर बनाया था। अब उन्हें किन्नर अखाड़ा के पद से मुक्त करता हूं। जल्द ही उन्हें लिखित सूचना दी जाएगी। उन्हें किन्नर समाज के उत्थान और धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए नियुक्त किया था, लेकिन भटक गईं। उन्होंने मेरी बिना परमिशन के जूना अखाड़ा के साथ लिखित एग्रीमेंट 2019 के प्रयागराज कुंभ में किया, जो अनैतिक ही नहीं, बल्कि चारसौबीसी है।

लक्ष्मीनारायण ने दावे को किया खारिज

महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने अजय दास के दावे को खारिज किया है। उन्होंने कहा- वे कौन होते हैं, मुझे अखाड़े से निकालने वाले। 2017 में अजय दास को किन्नर अखाड़े से निकाल दिया गया है। वो निजी स्वार्थ के लिए ऐसा कह रहे हैं। इधर, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि हम लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ हैं। अजय दास हैं कौन? हम इन्हें नहीं जानते।