Budget 2025: किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए मिलेंगे ज्यादा लोन, जानिए इसके बारे में सबकुछ

आज यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 पेश किया, जिसमें किसानों, युवाओं, गरीबों और महिलाओं पर खास ध्यान दिया गया। इस बजट का फोकस ‘ज्ञान’ पर है, अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता और महिला सशक्तिकरण पर। सरकार ने खासकर किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं, जिससे कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।

नये सुधारों में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं शामिल हैं। एक घोषणा है जिस पर काफी चर्चा हो रही है। वह है – किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाना। किसानों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है।

किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) क्या है?

किसान क्रेडिट कार्ड योजना किसानों को फसल उत्पादन और कृषि जरूरतों के लिए आसान ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। यह योजना 1988 में भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और नाबार्ड के सहयोग से लागू की गई थी। केसीसी इसके माध्यम से किसानों को कम ब्याज दरों पर ऋण मिलता है, जिसके माध्यम से वे अपनी बीज, उर्वरक, कीटनाशक और अन्य कृषि जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।

केसीसी कौन ले सकता है?

वे सभी किसान जो अकेले या संयुक्त रूप से खेती करते हैं, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इनमें भूस्वामी, काश्तकार, मौखिक पट्टेदार और बटाईदार शामिल हैं। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और संयुक्त देयता समूह (जेएलजी) से जुड़े किसान भी इस योजना के लिए पात्र हैं।

केसीसी की विशेषता क्या है?

  • केसीसी कार्ड किसानों को इनपुट डीलरों के साथ सीधे लेन-देन करने और अपनी कृषि उपज की बिक्री से प्राप्त आय को सीधे अपने बैंक खातों में प्राप्त करने की सुविधा देता है।
  • यह एक चुंबकीय पट्टी वाला कार्ड है, जिसमें एक व्यक्तिगत पहचान संख्या (पिन) और एक आईएसओ आईआईएन नंबर होता है।
  • यह सभी बैंकों के एटीएम और माइक्रो एटीएम पर काम करता है।
  • यह कार्ड यूरोपे, मास्टरकार्ड या वीज़ा द्वारा जारी किया जाता है।
  • आधार से जुड़ी बैंकिंग प्रणाली के अंतर्गत कुछ बैंकों में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण वाले डेबिट कार्ड भी उपलब्ध कराए जाते हैं।
    किसानों के लिए और क्या घोषणाएं की गई हैं?

प्रधानमंत्री धन-धन्य योजना के लाभ

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री धन-धनी योजना के तहत करीब 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। इस योजना का उद्देश्य उन जिलों को कवर करना है जहां कृषि उत्पादन कम है और उन्हें सरकारी सहायता की आवश्यकता है।

डेयरी और मत्स्य पालन के लिए ऋण सुविधा

डेयरी और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 5 लाख रुपये तक की आसान ऋण सुविधा की घोषणा की है, जिससे इन क्षेत्रों में निवेश और विकास को बढ़ावा मिलेगा।

मखाना बोर्ड का गठन

बिहार के किसानों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष मखाना बोर्ड बनाने का निर्णय लिया है। इससे मक्खन उत्पादकों को बेहतर बाजार और सरकारी सहायता मिलेगी।