स्वतंत्र समय, इंदौर
शहर में पानी का संकट ( Water crisis ) एक सामान्य बात बन गया है। ऐसे में संकट बाले स्थान पर निगम के द्वारा टैंकर के माध्यम से पानी भेज कर लोगों की आवश्यकता पूरी की जाती है। अब समस्या वाले क्षेत्र की संख्या बढ़ते जा रही हैं। ऐसे में टैंकर के माध्यम से भी जलापूर्ति करके समस्या का समाधान करना मुश्किल हो जाता है इस स्थिति को समझते हुए निगम के अधिकारियों के द्वारा वैकल्पिक उपाय अपनाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसी बीच इंदौर नगर निगम के द्वारा पानी के संकट से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए 100 स्थानों पर बोरिंग कराए जाएंगे। गर्मी का मौसम आने से पहले ही निगम के द्वारा समस्या को कम करने की कोशिश शुरू की गई है।
हर साल गर्मी में Water crisis पर 100 स्थान पर करेंगे बोरिंग
जानकारी के मुताबिक निगम के द्वारा इस साल गर्मी का मौसम आने से पहले ही आने वाले संकट ( Water crisis ) के समाधान की दिशा में पहल शुरू कर दी गई है। निगम की ओर से सारे शहर में समस्या बाले क्षेत्रों में 100 स्थान पर बोरिंग करने का फैसला लिया गया है। निगम के अधिकारियों ने बताया कि जिन क्षेत्रों में समस्या है और पानी का कोई स्रोत नहीं है उन क्षेत्रों में यह बोरिंग कराए जाएंगे।
कई क्षेत्रों में नहीं है नर्मदा की लाइन
अभी वैसे भी जमीन के अंदर के जल का उपयोग करने में इंदौर शहर बहुत आगे है। शहर के बहुत से क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर की नर्मदा की पाइपलाइन नहीं है। बहों पर नगर निगम के द्वारा पानी पहुंचाने के लिए कोई व्यवस्था भी नहीं की गई है। ऐसे में इन क्षेत्रों में अब बोरिंग करके लोगों की पानी की आवश्यकता की पूर्ति करने का काम किया जाएगा।
पानी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है
शहर के सभी क्षेत्रों में जमीन के अंदर पानी का स्तर लगातार नीचे जा रहा है। ऐसे में और नए बोरिंग कर देने से पानी का दोहन ज्यादा शुरू हो जाएगा। ऐसी स्थिति में जमीन के अंदर का पानी और ज्यादा नीचे पहुंच जाएगा। इन तत्वों को नजरअंदाज करते हुए निगम के द्वारा अभी तो लोगों की समस्या का समाधान करने और अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने की कोशिश की जा रही है।