मध्यप्रदेश विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता हेमंत कटारे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने हेमंत कटारे, उनके परिवार के सदस्य योगेश कटारे, मीरा कटारे और रुचि कटारे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह मामला भोपाल के आईएसबीटी प्रोजेक्ट के तहत हुए प्लॉट आवंटन में गड़बड़ी से जुड़ा है।
ईओडब्ल्यू ने नियमों के खिलाफ जमीन आवंटन का आरोप लगाया
ईओडब्ल्यू की जांच में यह सामने आया है कि भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA) ने एक निजी कंपनी ‘हाई स्पीड मोटर्स’ को नियमों का उल्लंघन कर जमीन आवंटित की थी। जांच में यह भी पाया गया कि हेमंत कटारे और उनके परिवार के सदस्य इस कंपनी के साझेदार थे। आरोप है कि भूमि के उपयोग में बदलाव कर इसे कमर्शियल घोषित किया गया और बिना निविदा के मनमाने तरीके से कीमत तय की गई।
ईओडब्ल्यू ने अधिकारियों पर भी एफआईआर दर्ज की
ईओडब्ल्यू ने यह भी खुलासा किया कि भोपाल विकास प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ केपी राही और ओएसडी मनोज वर्मा ने मिलकर इस अनियमितता को अंजाम दिया। इन अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध तरीके से प्लॉट का आवंटन किया। इसके अलावा, दोनों अधिकारियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
सियासी गतिविधियों से जुड़ी संभावना
ईओडब्ल्यू द्वारा केस दर्ज करने को हेमंत कटारे की राजनीतिक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। हाल ही में, उन्होंने सरकार और बीजेपी के नेताओं पर सौरभ शर्मा के मामले को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद से हेमंत कटारे सरकार के निशाने पर थे। माना जा रहा है कि इस राजनीतिक गतिविधि के बाद ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
हेमंत कटारे का आरोप- बदले की भावना से कार्रवाई
एफआईआर दर्ज होने के बाद हेमंत कटारे ने अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा कि यह घटना 2004 की है और यह बदले की भावना से एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
भूतकाल में भी विवादों में रहे हैं हेमंत कटारे
हेमंत कटारे का राजनीतिक जीवन कई बार विवादों में भी रहा है। उनके खिलाफ भोपाल के महिला थाने में एक छात्रा से ज्यादती, बंधक बनाने और धमकाने का मामला दर्ज हो चुका है। इसके अलावा, बीजेपी ने हमेशा इस मामले में उन्हें घेरने की कोशिश की है।