स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रवर्तन निदेशालय ( ED ) की टीम आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों शरद जायसवाल, चेतन सिंह गौर से अब उन सभी प्रॉपर्टीज का फिजिकल वेरिफिकेशन कराएगी जिसे ईडी ने अपनी जांच के दौरान सीज और फ्रीज किया है। इसके साथ ही इन प्रापर्टी के आय के स्रोतों पर ईडी का फोकस रहेगा।
ED यह भी जानेगी कि कैश और गोल्ड कहां से आया
कस्टडी के दौरान ईडी ( ED ) यह भी जानने का प्रयास करेगी कि मेंडोरी में इनोवा में मिले 11 करोड़ रुपए कैश और 52 किलो गोल्ड कहां से आया। सबसे अहम सवाल आयकर विभाग द्वारा जब्त गोल्ड की सप्लाई चेन जानने को लेकर है। बरामद गोल्ड पर ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड और दुबई के हॉलमार्क मिले हैं। ईडी ने 27 दिसम्बर 2024 और 17 जनवरी 2025 को सौरभ शर्मा, उनके परिवार के सदस्यों और उनके सहयोगियों शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौड़ सहित अन्य के आवासीय परिसरों में छापे और तलाशी की कार्रवाई की थी। इस दौरान संपत्तियों, कंपनियों, फर्मों में किए गए निवेश और अन्य सस्पेक्टेड दस्तावेज बरामद किए गए। अब तक की जांच में यह पाया गया है कि सौरभ शर्मा और उनके परिवार, मित्रों, फर्मों के नाम पर लगभग 25 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों में निवेश किया गया है। वहीं 10 करोड़ रुपए की चल संपत्तियां जब्त और फ्रीज की गई हैं। इन सबके बारे में जानकारी जुटाने का काम ईडी करेगी।
सौरभ के वकील ने रिमांड का किया था विरोध
सौरभ शर्मा के वकील राकेश पाराशर ने कोर्ट में ईडी को रिमांड देने का विरोध किया था। इसके लिए पूछताछ और जांच में पूरा सहयोग करने की बात को आधार बनाया गया था। इसके बाद भी अलग से रिमांड पर लेने का मतलब नहीं था। कोर्ट ने उनकी आपत्ति पर ईडी से सवाल किया तो ईडी के वकील ने कहा कि अलग से कुछ मामलों में पूछताछ करनी है, इसलिए रिमांड चाहिए।