मणिपुर में राष्ट्रपति शासन हुआ लागू, अविश्वास प्रस्ताव के कारण बीरेन सिंह ने दिया था इस्तीफा, 21 महीने से जारी है हिंसा

केंद्र सरकार ने मणिपुर में गुरुवार को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को अपने इस्तीफे का पत्र राज्यपाल को सौंपा था।

राज्य में पिछले 21 महीनों से चल रही जातीय हिंसा के चलते बीरेन सिंह पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया था। विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर लगातार सरकार से सवाल पूछ रहे थे।

कूकी समुदाय के संगठन ITLF के प्रवक्ता गिन्जा वूलजोंग ने दावा किया कि बीरेन सिंह ने मणिपुर विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव से डरकर इस्तीफा दिया। उनका एक ऑडियो भी हाल ही में लीक हुआ था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान में लिया। इसके बाद भाजपा के लिए भी उन्हें बचाना मुश्किल हो गया था।

‘बहुत खून बह चुका है’

कूकी समुदाय अब भी अपनी अलग प्रशासन की मांग पर अड़ा हुआ है, और उनका कहना है कि मैतेई समुदाय द्वारा उन्हें अलग करने के बाद, अब पीछे हटने का सवाल नहीं उठता। उनका कहना है कि बहुत खून बह चुका है और केवल एक राजनीतिक हल ही इस समस्या का समाधान कर सकता है।

‘अविश्वास प्रस्ताव के कारण बीरेन सिंह को इस्तीफा देना पड़ा’

इस्तीफे के बाद राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में हुई हिंसा और जान-माल के नुकसान के बावजूद बीरेन सिंह को पद पर बनाए रखा, लेकिन अब बढ़ते दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के कारण बीरेन सिंह को इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर में शांति बहाल करना सबसे जरूरी है, और पीएम मोदी को तुरंत वहां जाकर लोगों से बात करनी चाहिए और स्थिति सामान्य करने के लिए अपनी योजना बतानी चाहिए।