महाकुंभ में 60 करोड़ श्रद्धालुओं की संख्या पर अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर कसा तंज, कहा- झूठ बोल रही है BJP, कुंभ में जो हमारी जानकारी है…

प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है और मेले के 34वें दिन श्रद्धालुओं की संख्या ने 51 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। आज, शनिवार (15 फरवरी) दोपहर तक यह संख्या रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुकी है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सरकार के दावों पर संदेह जताते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का आधार क्या है और यह आंकड़ा किस तरह तय किया गया है।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए एक्स (Twitter) पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “हमारा तो मानना है कि महाकुंभ में लगभग 60 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। सरकार इसलिए आंकड़ा घटाकर दिखा रही है क्योंकि कल को जब इंटरनेशनल मीडिया या यूनिवर्सिटी इस मेले के प्रशासन और प्रबंधन के बारे में स्टडी करेगा तो पाएगा कि जितने लोग आए थे, उनके हिसाब से उचित प्रशासन और प्रबंधन नहीं किया गया था, जो भाजपा सरकार की नाकामी है। इसीलिए मेला फेल हो जाने के बाद ये जानबूझकर कम गिनती दिखा रहे हैं।

ये मंच से मेले के बारे में चाहे कुछ बोलें लेकिन मन से ये भी जानते हैं कि मेले की असफलता के पीछे उनकी अपनी कमियां-खामियां रही हैं, जिससे देश और दुनिया में यूपी की छवि को बहुत ठेस पहुंची है।” अखिलेश यादव ने सीधे तौर पर सरकार पर कुंभ मेले के आंकड़ों को छुपाने और प्रशासनिक विफलता को ढंकने का आरोप लगाया है। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ मेले में अव्यवस्थाओं को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए आगे लिखा, “मेले के खराब इंतजाम और बीसों किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर होने की वजह से लाखों-करोड़ों बड़े-बुजुर्ग यहां नहीं आ पाए। महंगाई की वजह से गरीब यहां तक नहीं पहुंच पाए और तो और प्रयागराज के लाखों स्थानीय निवासी भी जाम और मेहमानों की वजह से स्नान नहीं कर पाए।” उन्होंने मांग की कि “मेले में व्यवस्थाओं को कुछ और दिनों के लिए बढ़ा दिया जाए, जिससे जो वृद्ध, गरीब या प्रयागराजवासी स्नान से वंचित रह गए हैं, उनको पुण्य कमाने का अवसर मिल सके।” अखिलेश यादव का यह बयान कुंभ मेले के प्रबंधन और सरकार की तैयारियों पर गंभीर सवाल उठाता है। उन्होंने प्रशासन की नाकामी को उजागर करते हुए यह भी कहा कि कई लोग अव्यवस्थाओं और महंगाई के कारण संगम में स्नान नहीं कर पाए, इसलिए मेले की अवधि को बढ़ाया जाना चाहिए। उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में नई बहस छिड़ गई है।