रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में भारतीय महिलाओं में मोटापे का खतरा 7 फीसदी था, जो 2035 तक बढ़कर 13 फीसदी हो जाएगा।
भारत में यदि बच्चों में मोटापे के बढ़ते लक्षणों और समस्याओं को समय रहते नहीं रोका गया तो 2035 तक बच्चों में मोटापे के मामलों में 9.1 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ बढोत्तरी होने की संभावना है। वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन की रिपोर्ट में प्रेडिक्ट किया गया है कि अगर इस स्थिति को नहीं सुधारा गया तो 12 साल के भीतर दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी मोटापे की शिकार हो जाएगी। भारत में, लगभग 11 प्रतिशत लोग 2035 तक मोटे होंगे, वयस्क मोटापे में वार्षिक वृद्धि 2020 और 2035 के बीच 5.2 प्रतिशत तक होने की आशंका है।
भारत के बच्चों में मोटापा
‘वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस 2023’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में भारत में लड़कों में मोटापे का खतरा 3 फीसदी था, लेकिन 2035 तक यह आकड़ा बढ़कर 12 फीसदी हो जाएगा और 2020 में लड़कियों में इसका आकड़ा 2 फीसदी था, लेकिन अगले 12 वर्षों में 12 प्रतिशत की वृद्धि होगी। 2015 में यह बढ़कर 7 प्रतिशत हो गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में भारतीय महिलाओं में मोटापे का खतरा 7 फीसदी था, जो 2035 तक बढ़कर 13 फीसदी हो जाएगा। पुरुषों में 2020 में 4 फीसदी जोखिम था, जो 12 साल में बढ़कर 8 फीसदी हो जाएगा।
जानिये क्या है बढ़ते मोटापे की वजह
कम आय वाले देशों में मोटापे के बढ़ते इस्तर के मुख्य कारणों में पैकेज्ड फ़ूड आइटम्स का उपयोग, गतिहीन जीवन शैली, खाद्य आपूर्ति और खाद्य विपणन को नियंत्रित करने के लिए सरकार की कमजोर नीतियां और वजन प्रबंधन और स्वास्थ्य शिक्षा के लिए सीमित संसाधन शामिल हैं। वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर लुईस बाउर ने कहा: “इस साल का एटलस एक साफ़ रिमाइंडर है कि आज मोटापे को दूर करने में विफल होने से, हम भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने का जोखिम उठाते हैं। यह विशेष चिंता का विषय है क्योंकि बच्चों और किशोरों में मोटापे की दर तेजी से बढ़ रही है।”
बच्चों में बढ़ते मोटापे को कैसे रोकें
1. बच्चे को शारीरिक गतिविधियों के लिए मोटीवेट करें।
2. बच्चे को पौष्टिक आहार दें।
3. बच्चों का समाज में लोगों के साथ मेलजोल बढ़ाना।
4. बच्चे को बाहर का खाना और जंक फूड न खाने दें।
5. बच्चे को रेगुलर फ्रेश फ्रूट जूस और मीठी चीजें दें।