कुमेड़ी गांव में एयरपोर्ट की तर्ज पर बने ISBT को किराए पर देने की तैयारी

स्वतंत्र समय, इंदौर

लता मंगेशहर ऑडिटोरियम की तरह अब ग्राम कुमेड़ी में बने आईएसबीटी ( ISBT ) बस स्टैंड को भी किराए पर दिए जाने की तैयारी की जा रही है। करोड़ों की लागत से बने शहर के दोनों महंगे प्रोजेक्टों को संचालित करने के लिए आईडीए और नगर निगम को काफी पसीने छुट रहे है। ऐसी स्थिति में ऑडिटोरियम और बस स्टैंड के संचालन के लिए एजेंसियों को नियुक्त किया जा रहा है। इसके के लिए बस स्टैंड के संचालन के लिए भी टैंडर जारी कर दिए गए हैं।  ग्राम कुमेड़ी में आईडीए ने 15 एकड़ जमीन पर लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से आईएसबीटी बस स्टैंड का निर्माण किया है। हालांकि अभी यह बस स्टैंड प्रारंभ नहीं हुआ है।

ISBT प्रदेश का पहला बस स्टैंड जहां 1500 बसों का मूवमेंट

जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में एयरपोर्ट की तर्ज पर सबसे बड़े और आईएसबीटी ( ISBT ) एयर कंडीशनिंग बस टर्मिनल लगभग तैयार हो गया है। यह प्रदेश में यह पहला आईएसबीटी होगा, जहां प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के लिए डेढ़ हजार बसों का मूवमेंट हो सकेगा. इसको लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव पिछले दिनों इसका निरीक्षण कर चुके है। आईएसबीटी पर लगभग 1440 बसें 24 घंटे में आएंगी। बस टर्मिनल पूर्ण रूप वातानुकूलित और अन्य सभी सुविधाओं से लैस होगा। यात्रियों की सुविधा के लिए 14 टिकट काउंटर रहेंगे। लगभग 1000 वाहनों की पार्किंग सुविधा भी रहेगी। आईएसबीटी में कुल 43 बस प्लेटफार्म निर्मित किये गये हैं। जिसमें 28 प्लेटफार्म जाने वाली बसों के लिए और 15 प्लेटफार्म आने वाली बसों के लिए निर्धारित किये गये हैं। टर्मिनल बिल्डिंग में प्रतिदिन 80 हजार यात्रियों का आवागमन प्रस्तावित है, जिसमें भीड़ वाले समय पर लगभग 8 हजार व्यक्ति एक साथ आवागमन कर सकेंगे।

100 करोड़ की लागत से बना

आईडीए से मिली जानकारी के मुताबिक आईएसबीटी को एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार किया गया है। आईडीए ने जमकर पैसा खर्च किया है। बताया गया है कि बस टर्मिनल को बनाने के लिए लगभग 100 करोड़ से भी ज्यादा राशि खर्च की गई है। आईडीए यह चाहता है कि कोई एजेंसी इसे ले ले और एजेंसी हर माह एक निर्धारित राशि आईडीए को दे दे। बाकी सारे अधिकार एजेंसी के पास रहेंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए आईडीए ने बस टर्मिनल के संचालन और रखरखाव के लिए टैंडर जारी किया है। जो भी एजेंसी इसका संचालन करेंगी वह पांच साल तक आईडीए को तयशुदा राशि एजेंसी को देना पड़ेगी।