स्वतंत्र समय, इंदौर
बॉलीवुड सिंगर शान ( Shaan ) ने अपनी सुरीली आवाज से शुभ संदेश देने वाले गीत गाकर मध्यप्रदेश का मान बढ़ाया है। उन्होंने स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान उन्होंने हर साल नया गीत गाकर अपनी आवाज घर-घर तक पहुंचाई साथ ही लोगों को स्वच्छता के प्रति सजग भी किया। बॉलीवुड के टॉप फाइव सिंगरों मे शामिल शान का एक गीत इन दिनों खूब गूंज रहा है। यह गीत न तों किसी नई फिल्म का है ओर न ही स्वच्छता सर्वेक्षण से जुडा है, यह गीत भोपाल मे आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट पर तैयार किया है, जिसके बोल-विकसित भारत और मध्यप्रदेश…. एमपी में होगा खूब निवेश ।
शान के गीत का पूरा वीडियो तैयार किया गया है। इस वीडियो के गीत के माध्यम से मप्र मे निवेश लाने के लिए निवेशकों को आकर्षित किया गया है। इस वीडियो में यह भी बताया गया है कि मध्य प्रदेश में क्या-क्या निवेश हो सकते हैं। इसमें अलग अलग प्रोडक्ट की बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां दिखाई गई है। 2 मिनट 40 सेकंड के इस वीडियो के अंत में प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव को दिखाया गया है।। अब यह वीडियो पर पूरी तरह से वायरल हो चुका है साथ ही टीवी चैनलों पर विज्ञापन के रुप में तथा सोशल मीडिया पर खूब गूंज रहा है।
स्वच्छता को लेकर Shaan ने इंदौर के लिए हर साल नया गीत गाया
शान ( Shaan ) ने इंदौर के लिए भी अपनी आवाज दी है। शान स्वच्छता के लिए कई बार नंबर वन रहे इंदौर को स्वच्छ बनाने की सीख अपने गाने के जरिए दे चुके हैं। गली गली मोहल्ला मोहल्ला गाना स्वच्छ भारत अभियान के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए बनाया गया है, जिसे शान ने आवाज दी है.शान बॉलीवुड में अब उतने सक्रिय नहीं हैं जितने कभी हुआ करते थे लेकिन वे अभी भी खुद को सामाजिक मुद्दों पर गाने से खुद को नहीं रोक पाते हैं। प्लास्टिक पॉलूशन को लेकर वो लोगों अपने गीतों के जरिए जागरूकता फैला रहे हैं।
एमपी के लिए कई गीत गाए शान ने
उल्लेखनीय है की निमाड़ अंचल के खंडवा में पैदा हुए बॉलीवुड के जाने माने सिंगर शान ने मध्यप्रदेश गान-सुख का दाता सबका साथी, शुभ का यह संदेश है, मां की गोद, पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश को अपनी सुरीली आवाज आवाज दी है। उन्होंने पहली बार ये गाना 2010 में गाया गया था. बीजेपी की तत्कालीन शिवराज सरकार ने अपने कार्यकाल में मध्यप्रदेश गान तैयार कराया था, जिसे सभी शासकीय कार्यक्रम में गाया जाना अनिवार्य किया गया था. इसके पीछे सरकार का तर्क था कि इससे लोगों में मध्यप्रदेश को लेकर अपनत्व का भाव पैदा होगा।