प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बागेश्वर धाम में कैंसर अस्पताल का भूमि पूजन किया। इससे पहले उन्होंने बालाजी मंदिर में विधिपूर्वक पूजन-अर्चन किया। इस भव्य आयोजन में बुंदेलखंड के विभिन्न जिलों—छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, झांसी सहित अन्य इलाकों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय लोग पहुंचे।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह कैंसर अस्पताल क्षेत्र के लोगों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करेगा और विशेष रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र के मरीजों को बड़ी राहत देगा। सरकार की इस पहल से दूरदराज के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी और उन्हें इलाज के लिए महानगरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा।
कार्यक्रम में कई केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकार के प्रतिनिधि और संत-महंत भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री की इस यात्रा को लेकर स्थानीय प्रशासन ने विशेष तैयारियां की थीं, और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत बुंदेली में “राम-राम” कहकर की, जिससे सभा में मौजूद लोगों में उत्साह और ऊर्जा भर गई। उन्होंने कहा, “बहुत ही कम दिनों में मुझे वीरों की इस धरती पर आने का सौभाग्य मिला। इस बार तो बालाजी का बुलावा आया है। यह हनुमान जी की कृपा है कि आस्था का यह केंद्र अब आरोग्य का केंद्र भी बनने जा रहा है।”
प्रधानमंत्री ने बागेश्वर धाम में बनने वाले कैंसर अस्पताल को क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल बुंदेलखंड और आसपास के जिलों के लोगों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करेगा, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को राहत मिलेगी।
मोदी ने बुंदेलखंड की वीर भूमि और यहां के पराक्रमी इतिहास का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह भूमि सदियों से बलिदान और आस्था की प्रतीक रही है, और अब यह आरोग्य सेवा में भी एक नई मिसाल कायम करेगी। सभा में छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, झांसी सहित आसपास के जिलों से भारी संख्या में लोग पहुंचे थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री का जोरदार स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “नेताओं का एक वर्ग ऐसा है जो धर्म का मजाक उड़ाता है। बहुत बार विदेशी ताकतें भी इन लोगों का साथ देकर देश और धर्म को कमजोर करने की कोशिश करती हैं। हिंदू आस्था से नफरत करने वाले ये लोग सदियों से किसी न किसी वेश में रहते रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को कमजोर करने की कोशिशें नई नहीं हैं, लेकिन देश की जनता अपने संस्कारों और आस्थाओं की रक्षा के लिए हमेशा डटी रही है। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की आत्मा इसकी आध्यात्मिकता में बसती है, और इस विरासत को कमजोर करने की कोई भी साजिश सफल नहीं होने दी जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग धर्म और आस्था का मजाक उड़ाते हैं, वे दरअसल भारत की मूल पहचान और इसकी सांस्कृतिक शक्ति को कमजोर करना चाहते हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे ऐसी ताकतों को पहचानें और अपने मूल्यों और परंपराओं की रक्षा करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “ये लोग हमारे मत, मान्यताओं और मंदिरों पर, हमारे संतों और संस्कृति पर हमला करते रहते हैं। ये लोग हमारी परंपराओं और प्रथाओं को गाली देते हैं। हमारे समाज को बांटना, उसकी एकता को तोड़ना ही इनका एजेंडा है।”
उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में “मेरे छोटे भाई धीरेंद्र शास्त्री एकता के मंत्र को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।” पीएम मोदी ने बागेश्वर धाम में होने वाले कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह स्थान सिर्फ भक्ति और साधना का केंद्र नहीं रहेगा, बल्कि अब यह मानवता की सेवा के नए संकल्पों को भी पूरा करेगा।
“अब बागेश्वर धाम में भजन, भोजन और निरोगी जीवन—तीनों का आशीर्वाद मिलेगा,” यह घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे मठ और मंदिर न केवल आध्यात्मिक चेतना के केंद्र हैं, बल्कि विज्ञान और सामाजिक उत्थान में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
मोदी ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और समाज में एकता बनाए रखने के लिए ऐसे धार्मिक और सामाजिक केंद्रों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वे अपनी परंपराओं और संस्कृति की रक्षा करें और इसे आगे बढ़ाने में योगदान दें।