महापूजा के बाद चढ़ा सेहरा, पहली बार 12 बजे हुई Mahakaal की भस्म आरती…

स्वतंत्र समय, भोपाल/उज्जैन

उज्जैन में महाकालेश्वर ( Mahakaal ) मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व के दौरान रातभर चली चार प्रहर की महापूजा के बाद गुरुवार को भगवान ने साल में एक बार धारण किया जाने वाला सवा मन का पुष्प मुकुट (सेहरा) पहना। सेहरा दर्शन के बाद दोपहर 12 बजे वर्ष में एक बार होने वाली भस्म आरती हुई। इसके बाद भोग आरती और शिव नवरात्रि का पारणा किया गया।

Mahakaal की चार प्रहर की महाअभिषेक पूजा की गई

बुधवार को महाशिवरात्रि महापर्व की मध्यरात्रि 11 बजे से गुरुवार सुबह तक श्री महाकालेश्वर( Mahakaal ) की चार प्रहर की महाअभिषेक पूजा की गई। इसके बाद भगवान को नए वस्त्र पहनाए गए और सप्तधान्य से उनका मुख मंडल श्रृंगारित किया गया। सुबह 6 बजे सेहरा आरती की गई। शाम को पूजन, आरती और शयन आरती के बाद महाकालेश्वर के पट 44 घंटे बाद बंद होंगे। महाशिवरात्रि के अवसर पर महाभिषेक 101 लीटर दूध सहित दही, शक्कर, शहद, घी, फलों के रस, गन्ने के रस, गंगाजल, गुलाब जल, भांग और केसर मिश्रित दूध से किया गया। इसके बाद उन्हें जल से स्नान कराया गया।

भगवान महाकाल को 108 किलो सप्तधान अर्पित

महाभिषेक के बाद भगवान को नए वस्त्र पहनाए गए और सप्तधान्य से उनका मुखारविंद श्रृंगारित किया गया। इनमें 31 किलो चावल, 11-11 किलो मूंग, तिल, मसूर, जौ, गेहूं, साल और उड़द अर्पित किए गए। सप्तधान अर्पण के बाद भगवान को सेहरा चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें अलग-अलग प्रकार के फूलों की लडिय़ां, आंकड़े के फूल और पुष्पों की मोटी-मोटी मालाएं चढ़ाई गईं। भगवान को सवा लाख बिल्वपत्र अर्पित किए गए। इसके बाद स्वर्ण और रजत आभूषण, छत्र, चंद्र मुकुट और त्रिपुंड अर्पित किए गए। मंदिर समिति की ओर से भगवान को चांदी का एक सिक्का और चांदी का एक बिल्वपत्र चढ़ाया गया।

आरती से पहले सेहरा उतारा गया

बाबा महाकाल का सेहरा सुबह 11 बजे उतारा गया। भगवान के आभूषण, मुखारविंद और वस्त्र बाहर निकालने के बाद दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक भस्म आरती हुई। इसके आधे घंटे बाद दोपहर 2.30 बजे से 3 बजे तक भोग आरती हुई। भोग आरती के पश्चात ब्राह्मण भोजन नवनिर्मित श्री महाकालेश्वर निशुल्क अन्नक्षेत्र में हुआ। भोजन उपरांत ब्राह्मणों को दक्षिणा प्रदान की गई। शनिवार को संध्या पूजन सांय 5 बजे से 5.45 बजे तक होगी। इसके बाद संध्या आरती 6.30 से 7.15 बजे तक होगी। वहीं शयन आरती रात 10.30 बजे से और रात 11 बजे भगवान के पट मंगल होंगे।