स्वतंत्र समय, इंदौर
प्रदेश में प्रशासनिक अफसरों के लिए इंदौर ( Indore ) और भोपाल सबसे पसंदीदा जगह है। हर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी की पहली पसंद इंदौर ही है। अब भोपाल और इंदौर में सालों से जमे अधिकारी पुलिस एवं प्रशासनिक मुखियाओं के राडार आ गए हैं। जिस तरह पुलिस मुख्यालय ने भोपाल, इंदौर के अलावा अन्य जगह सालों से जमे अधिकारियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उसी तरह प्रशासनिक अधिकारी भी हटेंगे। निकट भविष्य में होने वाले प्रशासनिक फेरबदल में इसका असर दिखाई देता।
तैयार हो रही है Indore के अधिकारियों की सूची
दरअसल, इंदौर ( Indore ) एवं भोपाल में पटवारी से लेकर आईएएस अधिकारी तक इन शहरों में जमे रहना चाहते हैं। अन्य विभाग, निगम एवं उपक्रमों में भी कई अधिकारी इन दोनों शहरों में सालों से जमे हैं। शासन स्तर पर ऐसे अधिकारियों की बाकायदा सूची तैयार हो रही है। जिसमें राज्य पुलिस सेवा, राजस्व विभाग के अधिकारी ज्यादा हैं। सामान्यत: इंदौर, भोपला समेत अन्य बड़े जिलों में पटवारी, आरआई, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, डिप्टी कलेक्टर स्तर के सरकारी नुमाइंदे कई सालों से पदस्थ हैं। पिछले महीने सामान्य प्रशासन विभाग की समीक्ष बैठक में यह मामला सामने आया था। इसके बाद से विभाग एक ही जिले में सालों से पदस्थ अधिकारियों की जानकारी जुटाने में लगे हैं।
पीएचक्यू ने जिलों से बुलाई जानकारी
हाल ही में पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों से 10 साल से जमे अधिकारियों की जानकारी बुलाई है। अभी तक पुलिस मुख्यालय लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू या पुलिस मुख्यालय में ही सालों से जमे अधिकारियों को बदल चुका है। अब जिलों में सालों से पदस्थ अधिकारियों को हटाया जाएगा। पुलिस मुख्यालय के इस कदम से महकमे में हडकंप मचा है।