स्कीम नंबर 78 से नवलखा Square तक चौराहों पर बिना रुकावट अब ग्रीन सिग्नल

स्वतंत्र समय, इंदौर

इंदौर नगर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत शहर के प्रमुख मार्ग एबी रोड पर स्थित विभिन्न चौराहों ( Square ) को आईटीएमएस सिंक्रोनाइज़्ड ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित किया गया है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं आयुक्त शिवम वर्मा के निर्देशानुसार यह महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिससे नगर के यातायात को अधिक सुगम और व्यवस्थित बनाया जा सके। स्कीम नंबर 78 चौराहे से लेकर नवलखा चौराहे तक के प्रमुख चौराहों को इस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है।

इन Square को किया शामिल…

  • स्कीम नंबर 78 चौराहा
  • रसोमा चौराहा
  • एम. आर. 9 चौराहा
  • इंडस्ट्री हाउस चौराहा
  • गिटार वाला चौराहा
  • पलासिया चौराहा
  • गीता भवन चौराहा
  • शिवाजी वाटिका चौराहा
  • जीपीओ चौराहा
  • इंदिरा प्रतिमा चौराहा

नवलखा चौराहा को तकनीक से जोड़ते हुए ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया गया है।

इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से टाइम और ईंधन बचेगा

इस पहल के अंतर्गत यातायात को एक साथ समन्वित (स्4ठ्ठष्द्धह्म्शठ्ठद्बह्यद्गस्र) किया गया है, जिससे वाहन चालकों निर्धारित गति में चलने पर बिना किसी अवरोध के कॉरिडोर के प्रत्येक चौराहे पर ग्रीन सिग्नल मिल सकेगा। इससे न केवल यात्रा में लगने वाला समय कम होगा बल्कि ईंधन की भी बचत होगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी। इस परियोजना के तहत अत्याधुनिक इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ढ्ढञ्जरूस्) का उपयोग किया गया है, जो ट्रैफिक लाइट्स को एक निश्चित समयानुसार सिंक्रोनाइज़ करता है। इसके माध्यम से शहर के प्रमुख मार्गों पर वाहनों की गति को सुचारू रूप से बनाए रखने में सहायता मिलेगी। इंदौर नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट टीम द्वारा यह पहल शहरवासियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए की गई है। यह योजना इंदौर को एक स्मार्ट और यातायात के दृष्टिकोण से अनुशासित शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ग्रीन कॉरिडोर के लाभ…

  • सभी चौराहों पर समन्वित सिग्नल प्रणाली लागू की गई है, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिल सकेगी।
  • वाहन चालक बिना बार-बार रुकावट के एकल प्रवाह (स्द्वशशह्लद्ध ञ्जह्म्ड्डद्घद्घद्बष् स्नद्यश2) में यात्रा कर सकेंगे।
  • ईंधन और समय की बचत होगी, जिससे नगरवासियों को सीधा लाभ मिलेगा।
  • वायु प्रदूषण में कमी आएगी, जिससे शहर की हवा अधिक स्वच्छ होगी।