केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी, तीर्थयात्रियों को मिलेगी बड़ी सुविधा

केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दो महत्वपूर्ण रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि सोनप्रयाग से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे परियोजनाओं को स्वीकृति मिल गई है। इन दोनों रोपवे प्रोजेक्ट्स के जरिए श्रद्धालुओं को कठिन और लंबी पैदल यात्रा से राहत मिलेगी, जिससे उनकी यात्रा अधिक सुगम और सुरक्षित हो जाएगी।

केदारनाथ रोपवे परियोजना

केदारनाथ धाम की यात्रा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा मानी जाती है, लेकिन वहां तक पहुंचना काफी कठिन होता है। वर्तमान में यात्री गौरीकुंड से केदारनाथ तक की 16 किलोमीटर लंबी कठिन चढ़ाई पैदल, टट्टू, पालकी या हेलीकॉप्टर से पूरी करते हैं। सरकार ने इस कठिनाई को देखते हुए 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाने का निर्णय लिया है, जो सोनप्रयाग से केदारनाथ तक यात्रियों को सुविधा प्रदान करेगा।

रोपवे की विशेषताएं और लाभ

  • इस रोपवे परियोजना की कुल लागत 4,081 करोड़ रुपये होगी।
  • यह पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर विकसित किया जाएगा।
  • इसमें 3S (ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला तकनीक) का उपयोग किया जाएगा, जो इसे अधिक सुरक्षित और कुशल बनाएगा।
  • रोपवे बनने के बाद 8-9 घंटे की पैदल यात्रा मात्र 36 मिनट में पूरी की जा सकेगी, जिससे यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
  • सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस परियोजना से घोड़ों, खच्चरों और पालकी वालों की आजीविका प्रभावित नहीं होगी और उनके हितों का भी ध्यान रखा जाएगा।
  • इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में 4 से 6 साल का समय लगेगा।

केदारनाथ में 2023 में 23 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जिन्हें कठिन यात्रा का सामना करना पड़ा था। रोपवे बनने के बाद यह यात्रा अधिक सुगम हो जाएगी, जिससे आने वाले वर्षों में यात्रियों की संख्या में और अधिक वृद्धि होने की संभावना है।

हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना

सरकार द्वारा मंजूर किया गया दूसरा बड़ा रोपवे प्रोजेक्ट हेमकुंड साहिब के लिए है। यह पवित्र स्थल उत्तराखंड के चमोली जिले में 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसे सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी की ध्यानस्थली के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा, यह स्थान भगवान राम के भाई लक्ष्मण के तपस्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है।

हेमकुंड साहिब रोपवे के लाभ

  • इस रोपवे से हेमकुंड साहिब और वैली ऑफ फ्लावर्स (फूलों की घाटी) तक की यात्रा सुगम होगी।
  • वर्तमान में यह यात्रा कठिन और लंबी होती है, लेकिन रोपवे बनने से श्रद्धालु आसानी से वहां पहुंच सकेंगे।
  • हेमकुंड साहिब में स्थित गुरुद्वारा वर्ष में लगभग 5 महीने (मई से सितंबर) तक खुला रहता है।
  • 2023 में लगभग 1.77 लाख श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब की यात्रा की थी।