धोखेबाज land mafia के कारण इंदौर की प्रापर्टी को लगा ग्रहण


राजेश राठौर
EXCLUSIVE

स्वतंत्र समय, इंदौर

जिस तेजी के साथ इंदौर में भूमाफिया ( land mafia ) प्रापर्टी के क्षेत्र में फर्जी तरीके से कालोनियां काटते जा रहे हैं, उसी कारण लोग धोखे के शिकार हुए। ऐसे लोगों ने प्रापर्टी का व्यापार चौपट करवा दिया। अब तो हर कोई प्रापर्टी वाला कह रहा है कि प्रापर्टी व्यापार को ‘ग्रहण’ लग गया है।

फर्जी विज्ञापन कर land mafia लोगों को जाल में फंसाते गए

लम्बे समय से शहर के दूरस्थ इलाकों में पश्चिमी बायपास और पीथमपुर इंडस्ट्रियल कारिडोर के साथ ही नेशनल हाइवे की सडक़ों के निर्माण के नाम पर भूमाफिया ( land mafia ) लोगों को मूर्ख बनाकर फर्जी विज्ञापन जारी करके अपने जाल में फंसाते गए। एक और डेढ़ साल की किस्त पर प्लाट देने की बात करके लोगों से एडवांस बुकिंग के नाम पर करोड़ों रुपया इकट्ठा कर लिया। जिस कालोनाइजर का एक प्रोजेक्ट भी पूरा नहीं हुआ उसने दो-तीन कालोनियां और काट दी।

इंदौर में प्रापर्टी का डब्बा गोल (पार्ट-2)

कनाडिया रोड और उज्जैन रोड तो इस मामले में पूरी तरह से बदनाम हो चुके हैं। अब शहर के आसपास ही हजारों प्लाट, फ्लैट और दुकानें खाली पड़े हैं, या तो उनकी बिक्री नहीं हो रही है, या उनकी वो किस्त जमा नहीं कर पा रहे हैं। जिन लोगों ने प्रापर्टी खरीद ली, उनकी दुकान और फ्लैट किराये पर नहीं जा रहे हैं। शहर के बीचोंबीच की बात करें तो महू नाका चौराहे से अन्नपूर्णा रोड, रणजीत हनुमान रोड और उषा नगर मेन रोड पर सैकड़ों दुकानें खुल गईं। कई नए शोरूम भी आ गए, लेकिन कुछ ही महीनों में बंद हो गए। उषा नगर मेन रोड जैसी दुकानों पर अब ग्राहक नहीं हैं। दुकानदार दुकानें बंद करके किराये पर दुकान देने का बोर्ड लगा चुके हैं। हालात इतनी खराब है कि फीनिक्स सिटाडेल जैसे मॉल में अभी भी दुकानें खाली पड़ी हैं। इंदौर का एक भी शॉपिंग मॉल ऐसा नहीं है जहां पर सारी दुकानें खुल गई हों, या यू कहें कि सारी दुकानें चल रही हैं। कई दुकानदार और शोरूम वालों को किराया देना भी मुश्किल पड़ रहा है। प्रापर्टी में आई तेजी के बाद अब फंसे हुए व्यापारी और लोग ‘खून के आंसू’ बहा रहे हैं। हालत इतनी बदतर होती जा रही है कि कोई भी अब प्रापर्टी की बात करने को तैयार नहीं होता है।

जमीन के जादूगरों ने उठाया इंदौर की ब्रांडिंग का फायदा

इंदौर में आई प्रापर्टी में तेजी का एक बड़ा कारण ये भी था कि लगातार स्वच्छता में इंदौर नंबर-1 आने के कारण इंदौर की ब्रंाडिंग खूब हो गई। इंदौर के ‘जमीनी जादूगरों’ ने इसी बात का फायदा उठाया और तेजी से कालोनियां काट दी। दिन में प्लाट खरीदने वाले लोगों को बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाए गए। 90 फीसदी कालोनियां विकास का इंतजार कर रही हैं। कालोनाइजरों ने अपने दफ्तर में बैठना बंद कर दिया है। न तो कालोनाइजर और न ही प्रापर्टी ब्रोकर किसी के फोन उठा रहे हैं। ऐसे में जो परेशान लोग हैं वो भी अब एक-दूसरे से पूछ रहे हैं कि प्रापर्टी में जो मंदी आई है वो आखिर कब तक चलेगी। कुल मिलाकर यही हालत रहे तो कालोनाइजर और प्रापर्टी ब्रोकर इंदौर छोडक़र भाग जाएंगे।