बिल्डर Rajesh Sharma की तीन और प्रॉपर्टी अटैच

स्वतंत्र समय, भोपाल

आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति विंग ने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक राजेश शर्मा ( Rajesh Sharma ) और ग्रुप की 2.36 करोड़ की प्रापर्टी अटैच कर ली है। यह प्रापर्टी अब राजेश शर्मा और उसके सहयोगी बेच नहीं सकेंगे। इसके पहले आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेटिंग विंग भी शर्मा की कई प्रापर्टी अटैच कर चुकी है। प्रॉपर्टी अटैच करने की अलग-अलग कार्रवाई की हैं।

Rajesh Sharma की तीन मंजिला बिल्डिंग अटैच

ताजा मामले में आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति विंग ने कस्तूरबा नगर में राजेश शर्मा ( Rajesh Sharma ) की तीन मंजिला इमारत को भी अटैच कर लिया है। अकेले इसी प्रापर्टी की वैल्यू 1.80 करोड़ रुपए है। गौरतलब है कि प्रदेश में आयकर विभाग ने 18 दिसम्बर को त्रिशूल कंस्ट्रक्शन, क्वालिटी ग्रुप, ईशान ग्रुप के संचालकों के 56 ठिकानों पर छापेमारी की थी। भोपाल के 53 और इंदौर के दो व ग्वालियर के एक ठिकाने पर की गई छापेमारी में आयकर विभाग को 10 करोड़ रुपए कैश और 25 से ज्यादा लॉकर की जानकारी मिली थी। इस छापे में पूर्व सीएस इकबाल सिंह बैंस का नाम भी चर्चा में आया था। अब आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति विंग ने भी जांच के बाद 2 करोड़ 36 लाख रुपए कीमत की भूमि और मकान संबंधी बेनामी प्रापर्टी अटैच कर ली है। चार माह के लिए अटैच की गई इस प्रापर्टी को आयकर विभाग की परमिशन के बिना बेचा या खरीदा नहीं जा सकेगा।

बिल्डर शर्मा ऐसे करता था बेनामी लेन-देन

राजेश शर्मा के घर आयकर छापेमारी के बाद बेनामी बैंक की जांच में खुलासा हुआ है कि अपने ही लोगों के माध्यम से बेनामी प्रॉपर्टी खरीदी-बेची थी। बरखेड़ा नाथू की प्रॉपर्टी के मामले में यह बात सामने आई है कि शर्मा ने दीपक तुलसानी के नाम की जो प्रॉपर्टी खरीदी उसका पेमेंट संजय मीणा के माध्यम से पहले राजेश तिवारी को कराया और फिर राजेश तिवारी के माध्यम से शर्मा की पत्नी राधिका के खाते में पैसा जमा कराकर खरीदी बताई गई। आयकर की जांच में यह स्पष्ट हो गया कि यह पूरा लेन-देन राजेश शर्मा के द्वारा ही किया गया है। इसके बाद प्रॉपर्टी को अटैच कर लिया गया।