हनी सिंह के कार्यक्रम के आयोजकों ने जमा कराए पैसे, रंग लाई महापौर की सख्ती, निगम के खाते में आए 7 लाख 85 हजार रुपए

इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव की सख्ती से यह स्पष्ट होता है कि अब नगर निगम मनोरंजन कर वसूली को लेकर अधिक गंभीर है। हनी सिंह के कॉन्सर्ट के आयोजकों से 7.85 लाख रुपये की वसूली इसका उदाहरण है। इससे पहले दिलजीत दोसांझ के शो में नगर निगम को कोई कर प्राप्त नहीं हुआ था, जिससे स्पष्ट होता है कि पहले इस पर सख्ती नहीं थी।

महापौर की चेतावनी के बाद आयोजकों को टैक्स चुकाना पड़ा, जो यह दर्शाता है कि प्रशासन अब ऐसे आयोजनों पर पैनी नजर रखेगा। नगर निगम को मनोरंजन कर वसूली की प्रक्रिया को और पारदर्शी और प्रभावी बनाना होगा, ताकि शहर के राजस्व को नुकसान न हो और सभी आयोजक नियमानुसार कर का भुगतान करें।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव की सख्ती का असर साफ दिखा, जब हनी सिंह के कॉन्सर्ट के आयोजकों को आखिरकार 7 लाख 85 हजार रुपये का मनोरंजन कर नगर निगम के खाते में जमा करना पड़ा। बार-बार कहने के बावजूद कर न चुकाने पर महापौर ने कार्यक्रम से पहले भुगतान की सख्त चेतावनी दी थी, जिसके बाद आयोजकों को झुकना पड़ा।

इससे पहले, दिलजीत दोसांझ के शो में नगर निगम को कोई कर प्राप्त नहीं हुआ था, जिससे कर वसूली को लेकर प्रशासन की उदारता या अनदेखी का संकेत मिलता था। लेकिन अब महापौर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी बड़ा आयोजन टैक्स दिए बिना नहीं होगा। यह कदम नगर निगम के राजस्व को बढ़ाने में मदद करेगा और भविष्य में अन्य आयोजकों को भी नियमों का पालन करने के लिए बाध्य करेगा।

नगर निगम एमआईसी सदस्य निरंजनसिंह चौहान ने इंदौर में होने वाले आयोजनों में मनोरंजन कर चोरी को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने महापौर पुष्यमित्र भार्गव को पत्र लिखकर आयोजकों द्वारा टैक्स न चुकाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी।

इस पर महापौर ने सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस आयुक्त को पत्र भेजा और निर्देश दिए कि टैक्स जमा होने के बाद ही आयोजनों की अनुमति दी जाए। उन्होंने मध्यप्रदेश नगर पालिका कर नियम 2018 का हवाला देते हुए यह स्पष्ट किया कि इस तरह के आयोजनों पर कर वसूली अनिवार्य होनी चाहिए।

महापौर की इस सख्ती का असर दिखा, जब हनी सिंह के कॉन्सर्ट के आयोजकों को 7.85 लाख रुपये का मनोरंजन कर जमा करना पड़ा। इससे पहले दिलजीत दोसांझ के शो से कोई कर वसूली नहीं हुई थी, जिससे नगर निगम के राजस्व को नुकसान हुआ था। अब इस नए नियम के सख्ती से लागू होने के बाद, भविष्य में आयोजकों को टैक्स जमा किए बिना कार्यक्रम करने की छूट नहीं मिलेगी।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव के निर्देश पर नगर निगम के मार्केट विभाग के अपर आयुक्त ने कार्यक्रम आयोजकों को पत्र भेजकर 10% मनोरंजन कर अग्रिम रूप से जमा करने के निर्देश दिए थे। इस पत्र में साफ तौर पर चेतावनी दी गई थी कि यदि निर्धारित कर जमा नहीं किया गया, तो नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नगर निगम अपर आयुक्त लता अग्रवाल ने जानकारी दी कि आयोजकों ने अब कर का भुगतान कर दिया है। इस कदम से स्पष्ट है कि नगर निगम अब मनोरंजन कर वसूली को लेकर सख्त रुख अपना रहा है। इससे पहले, दिलजीत दोसांझ के शो में नगर निगम को कोई कर प्राप्त नहीं हुआ था, जिससे राजस्व को नुकसान हुआ था। लेकिन हनी सिंह के कॉन्सर्ट के मामले में नगर निगम की सख्ती ने असर दिखाया, और आयोजकों को 7.85 लाख रुपये का कर जमा करना पड़ा।

अब इस नियम को सख्ती से लागू करने से भविष्य में सभी आयोजकों को निर्धारित कर जमा करना होगा, जिससे नगर निगम के राजस्व में बढ़ोतरी होगी और टैक्स चोरी पर अंकुश लगेगा।

इंदौर में समय-समय पर बड़े आयोजनों का आयोजन होता है, लेकिन नगर निगम को मनोरंजन कर के रूप में उचित राजस्व नहीं मिल पाता। उदाहरण के तौर पर, पिछले साल दिसंबर में हुए दिलजीत दोसांझ के शो में करोड़ों रुपये के टिकट बिके, लेकिन निगम को एक भी रुपया कर के रूप में प्राप्त नहीं हुआ। इसी तरह, क्रिकेट मैचों के आयोजन में भी कर वसूली में कठिनाइयां आती रही हैं।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव की सख्ती के चलते हनी सिंह के कॉन्सर्ट में 7.85 लाख रुपये का मनोरंजन कर वसूला गया, जिससे स्पष्ट है कि सही निगरानी और नियमों के सख्त पालन से नगर निगम को उसका उचित राजस्व मिल सकता है।

मनोरंजन कर वसूली को प्रभावी बनाने के लिए:
1. आयोजनों की अग्रिम अनुमति तभी दी जाए जब 10% मनोरंजन कर जमा हो।
2. ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफॉर्म्स पर सीधा नियंत्रण रखा जाए, ताकि टिकट बिक्री का सही आंकड़ा मिले।
3. बड़े आयोजनों की गहन ऑडिटिंग की जाए, जिससे कोई गड़बड़ी न हो।
4. मनोरंजन कर चोरी पर कानूनी कार्रवाई के निर्देश जारी कर आयोजकों को जवाबदेह बनाया जाए।

नगर निगम को इस तरह की सख्ती लगातार जारी रखनी होगी, ताकि शहर के राजस्व को नुकसान न हो और सार्वजनिक हित सुरक्षित रहे।