लोधीपूरा की आवाज़ थे, नन्नु काकाजी नहीं रहे, अनंतनाग में हुई मौत

इंदौर के पश्चिमी इलाक़े में अयोध्या के नाम से पहचाने जाने वाले लोधीपूरा निवासी मधुकर सोनी (नन्नू काकाज़ी) की कल रात अनंतनाग में दुखद मृत्यु हो गई। आज उनका शव रात 10 बजे इंदौर लाया जाएगा। कल सुबह 10 बजे नीमा नगर स्थित निवास से अंतिम यात्रा निकलेगी। 

नन्नू काकाज़ी अपने मित्र दामू नीमा, गोपाल नीमा, सुधीर नीमा और संदीप महाजन के साथ कश्मीर घूमने गए थे। नन्नू काकाज़ी की पत्नी उनके साथ थी। कल रात को लगभग 10:30 बजे पहलगाम में उनकी तबियत ख़राब हुई, तो तत्काल उन्हें पास के अस्पताल में ले गए। डॉक्टरों ने चेकअप करने के बाद कहा कि सब ठीक है, लेकिन पास के अनंतनाग के हॉस्पिटल में चेकअप करवा लें। तत्काल सभी दोस्त उन्हें लेकर अनंतनाग के अस्पताल पहुँचे। वहाँ पहुँचते ही उन्हें सिवियर हार्ट अटैक आया और उनकी दुखद मौत हो गई। यह ख़बर जैसे कि आज इंदौर और लोधीपूरा में पहुँची तो शोक की लहर छा गई। मधुकर सोनी (नन्नू काकाजी) के नाम से प्रसिद्ध सर्राफ़ा में उनकी दुकान है।

कुछ समय पहले ही वे लोधीपूरा से निमा नगर रहने चले गए थे। छोटे से लेकर बड़े तक हर कोई उन्हें नन्नू काकाजी कहता था। लोधीपूरा में पूर्व मंत्री लक्ष्मणसिंह गौड़ के घर के सामने रहने वाले काकाजी हर सामाजिक कार्य में सक्रिय रहते थे।हसमुख स्वभाव के काकाजी धार्मिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहते थे। अयोध्या आंदोलन की बात हो या अन्य कोई आयोजन उनकी भूमिका ख़ास रहती थी। पूर्व भाजपा पार्षद राजेंद्र सोनी के बड़े भाई थे। क्षेत्रीय पार्षद मीता राम बाबू राठौर ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह अपूरणीय क्षति है।