MP में BCI मान्यता के बिना चल रहे 135 कॉलेज, HC ने भोपाल पुलिस कमिश्नर को सौंपी जांच

जबलपुर का सेंट्रल इंडिया लॉ इंस्टिट्यूट विवादों में घिरा हुआ है। दरअसल, इस संस्थान की बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से मान्यता 2019 में समाप्त हो गई थी, लेकिन इसके बावजूद संस्थान ने लगातार छात्रों को प्रवेश देना जारी रखा। अब, भोपाल क्राइम ब्रांच इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है, क्योंकि यह संस्थान अवैध रूप से संचालित हो रहा है।

135 अवैध संस्थानों की जांच के आदेश

इस मामले में और भी गंभीर तथ्य सामने आए हैं, जब भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र को आदेश दिया गया कि वह 135 ऐसे अवैध संस्थानों की जांच करें जो बिना मान्यता के विधि पाठ्यक्रम चला रहे हैं। जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि सेंट्रल इंडिया लॉ इंस्टिट्यूट भी इस सूची में शामिल है। अब, क्राइम ब्रांच एफआईआर दर्ज करने की दिशा में काम कर रही है।

BCI की मान्यता खत्म, फिर भी छात्रों को मिल रहा एडमिशन

सेंट्रल इंडिया लॉ इंस्टिट्यूट, जबलपुर की मान्यता साल 2019 में बीसीआई (बार काउंसिल ऑफ इंडिया) से खत्म हो चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद संस्थान ने लगातार छात्रों को एलएलबी और एलएलएम पाठ्यक्रम में एडमिशन देना जारी रखा। बीसीआई से मान्यता खत्म होने के बाद भी इस संस्थान का संचालन अवैध रूप से होता रहा, जो अब पुलिस जांच का कारण बन चुका है।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश

हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है कि कोई भी संस्थान, जिसकी बीसीआई से मान्यता समाप्त हो चुकी है, उसे अपने पोर्टल पर यह स्पष्ट रूप से दर्शाना होगा कि वह केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए विधि पाठ्यक्रम चला रहा है। इसके अलावा, बीसीआई को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई संस्थान छात्रों के भविष्य से खेल न सके। उच्च शिक्षा विभाग और पुलिस कमिश्नर को 25 मार्च को अगली सुनवाई में पेश होने का निर्देश भी दिया गया है।

चयनित छात्रों को हुआ नुकसान

जबलपुर के छात्रों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें बताया गया कि वे सेंट्रल इंडिया लॉ इंस्टिट्यूट से एलएलबी की पढ़ाई पूरी कर चुके थे। लेकिन जब उन्होंने राज्य बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया, तो उन्हें यह कहकर मना कर दिया गया कि संस्थान की बीसीआई मान्यता समाप्त हो चुकी है। इस वजह से छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।

अगली सुनवाई की तारीख

हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को तय की है। इस दौरान उच्च शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी और भोपाल पुलिस कमिश्नर को अदालत में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।