विक्रम संवत समारोह के लिए 30 मार्च को उज्जैन आ सकती हैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , मुख्यमंत्री यादव को दी जाएगी डी-लिट उपाधि

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 30 मार्च को उज्जैन के संभावित दौरे पर आ सकती हैं, जो स्थानीय कार्यक्रमों की श्रृंखला का हिस्सा होगा। हालांकि फिलहाल जिला प्रशासन को इस दौरे को लेकर केवल मौखिक निर्देश प्राप्त हुए हैं और अभी तक राष्ट्रपति के कार्यक्रम की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। यदि यह दौरा तय होता है, तो यह एक ऐतिहासिक अवसर होगा, क्योंकि पहली बार भारत के किसी राष्ट्रपति का छह महीने के भीतर ही दोबारा उज्जैन आना तय होगा।

उपलब्ध जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नए विक्रम संवत 2082 के समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। हिंदू नववर्ष के अवसर पर 30 मार्च को उज्जैन की क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित रामघाट और दत्त अखाड़े में भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इन आयोजनों में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, धार्मिक अनुष्ठान और जन भागीदारी के साथ नववर्ष का स्वागत किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रपति की उपस्थिति से आयोजन की गरिमा और भी बढ़ जाएगी।

‘सम्राट विक्रमादित्य राष्ट्रीय सम्मान’ और ‘सम्राट विक्रमादित्य शिखर सम्मान’ 30 मार्च को प्रतिष्ठित व्यक्तियों को प्रदान किए जाएंगे। इसी अवसर पर प्रसिद्ध पार्श्व गायिका श्रेया घोषाल उसी रात एक भव्य संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगी। इसके साथ ही विक्रम विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह भी इसी दिन आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल होंगे और देश के एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् को डीलिट की मानद उपाधि प्रदान की जाएगी।

बुधवारिया में कोठी पैलेस और गीता का चोपड़ा (तालाब) के जीर्णोद्धार कार्य का भूमिपूजन भी 30 मार्च को प्रस्तावित है। इसके अलावा, इसी दिन मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एमपीटीडीसी) के सम्राट विक्रमादित्य होटल का लोकार्पण भी किया जाएगा। इन आयोजनों को लेकर गुरुवार शाम को कलेक्टर ने संबंधित आयोजनों के मेजबानों के साथ एक तैयारी बैठक आयोजित की, जिसमें व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने पर चर्चा की गई।