स्वतंत्र समय, इंदौर
इंदौर के बिहाडिय़ा ग्राम स्थित कॉलोनी ग्रीन लाईफ सिटी कॉलोनी के संबंध में प्राप्त शिकायतों के आधार पर कॉलोनाइजर ( Colonizer ) अरविंद पिता हंसराज बंजारी के विरूद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा दिये गये है।
Colonizer के खिलाफ शिकायत के बाद कलेक्टर का एक्शन
कॉलोनाइजर ( Colonizer ) सेटेलाईट इन्कलेव प्रा. लि. तर्फे डायरेक्टर अतुल पिता सुरेन्द्र सिंह सुराणा, अरुण डागरिया तथा पुष्पेन्द्र ठाकुर के विरूद्ध आज एफआईआर कराई गई है। अपर कलेक्टर गौरव बैनल ने बताया कि कलेक्टर द्वारा ग्राम बिहाडिय़ा स्थित कॉलोनी ग्रीन लाईफ सिटी कॉलोनी के संबंध में प्राप्त कई शिकायतों के आधार पर राजस्व अमले तथा एसडीओ बिचौली हप्सी से जांच करवाने पर यह तथ्य संज्ञान में आये कि कॉलोनी के प्लॉट, टीएनसीपी के द्वारा बिना स्वीकृति के बिक्रीत होने, कॉलोनाईजर अरविंद पिता हंसराज बंजारी के लगभग 300 से अधिक आरआरसी वसूली के प्रकरणों में लाखों रूपये की वसूली लंबित होना पाई गई। इसके अतिरिक्त मुख्य रूप से यह संज्ञान में आया कि 17 सितम्बर 2012 को कॉलोनी विकास अनुमति प्राप्त होकर आज लगभग 12 वर्ष व्यतीत होने के बाद भी कॉलोनी विकसित नहीं हुई तथा कॉलोनी विकास व्यय पेटे बंधक रखे गये 32 भूखण्डों में से 10 भूखण्डों को अनाधिकृत तथा अवैधानिक तरीके से कॉलोनाईजर द्वारा बिक्रीत किया गया है तथापि लगभग 3.50 करोड़ से अधिक का कार्य मौके पर शेष है। गहन जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि कॉलोनाईजर, अवैध कृत्यों एवं धोखाधड़ी में पूर्व से ही संलिप्त है तथा जेल से रिहा हुये लगभग 1.5 वर्ष हो चुके हैं।
-सेटेलाईट इन्कलेव प्रालि तर्फे डायरेक्टर अतुल पिता सुरेन्द्र सिंह सुराणा, अरुण डागरिया तथा पुष्पेन्द्र ठाकुर पर एफआईआर
जमीन खरीदने-बेचने पर भी रोक
ग्रीनलेण्ड सेल्टर्स प्रा.लि. तर्फे मैनेजिंग डायरेक्टर अरविंद बंजारी पता 101-102, बी.एम. टॉवर, सपना संगीता रोड, इन्दौर द्वारा कॉलोनी के संबंध में उक्तानुसार अनाधिकृत तथा अवैधानिक कृत्य करने के कारण कलेक्टर द्वारा प्रदत्त आदेशानुसार मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1993 (क्रमांक 01 सन् 1994) तथा मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत (कॉलोनियों का विकास) नियम, 2014 में निहित प्रावधानों के विरूद्ध कार्य करने के कारण कॉलोनाइजर अरविंद पिता हंसराज बंजारी के विरूद्ध तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज करवाने हेतु एस.डी.ओ. बिचौली हप्सी को आदेशित किया गया तथा कॉलोनियों की भूमि के क्रय-विक्रय एवं नामांतरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई। नागरिकों से कहा गया है कि यदि आपके क्षेत्र में अवैध कॉलोनियां विकसित हो रही है या नियम विरूद्ध कार्य संपादित हो रहा है, तो तत्काल कलेक्टर कार्यालय के कक्ष क्रमांक 103 में सूचना देवे।
तीन कॉलोनाईजर पर हुई एफआईआर
बताया गया कि मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1993 और उसके अन्तर्गत बनाये गये मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत (कॉलोनियों का विकास) नियम 2014 में निहित प्रावधानों के आलोक में सेटेलाईट इन्कलेव कॉलोनी में कॉलोनाईजर के सामान्य भूखण्ड, जिनको कॉलोनाईजर द्वारा विक्रय नहीं किया गया है तथा बंधक भूखण्डों के क्रय-विक्रय संबंधी कार्यवाही एवं नामान्तरण पर तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक रोक लगायी गई और उक्त कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में सेटेलाईट इन्कलेव प्रा. लि. तर्फे डायरेक्टर अतुल पिता सुरेन्द्र सिंह सुराणा, अरुण डागरिया, पुष्पेन्द्र ठाकुर पर भारतीय दण्ड संहिता 1960 की 420,406,34, धाराओं के तहत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुभाग- बिचौली हप्सी द्वारा 27 मार्च 2025 को एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत (कॉलोनियों का विकास) नियम 2014 की नियम 19 (2) कॉलोनी के विकास व्यय पेटे बंधक रखे गये भूखण्डों को राजसात कर विकास कार्य पूर्ण करने हेतु स्मार्ट सिटी को अधिकृत किया गया।
13 साल बाद भी कालोनी का नहीं कराया डेवलपमेंट, गिरवी रखे प्लाट भी बेचे
बताया गया कि सेटेलाईट एन्क्लेव प्रा.लि. व अन्य तर्फे विकासकर्ता सेटेलाईट एन्क्लेव प्रा.लि. तर्फे डायरेक्टर अतुल पिता सुरेन्द्र सिंह सुराणा पता:-402, प्रिंसेस सेन्टर, न्यू पलासिया, इन्दौर को ग्राम असरावदखुर्द, तहसील-बिचौलीहप्सी, जिला-इन्दौर स्थित भूमि सर्वे नंबर 52/3, 53/8, 53/2/1/2, 54/1, 54/2, 46/5, 47/2, 53/1/1, 46/7, 47/3, 53/4, 46/4, 46/1, 46/6, 46/2, 46/3, 47/1, 53/5/1, 44/2, 45/3/1/1, 55/1, 45/2, 53/3, 43/1/1, 56, 55/मिन-1, 45/3/1/मिन-1, 53/2/1 कुल रकबा 14.557 हेक्टेयर पर अनुविभागीय अधिकारी अनुभाग इन्दौर द्वारा कॉलोनी विकास अनुमति क्रमांक 56/2012 दिनांक 08 अक्टूबर 2012 प्रदाय की गई। उक्त कॉलोनी के संबंध में समय-समय पर कॉलोनी सेल शाखा/ जनसुनवाई। सीएम हेल्पलाईन में विकास कार्य पूर्ण नही करने के संबंध में शिकायतें प्राप्त हो रही थी। जिसके संबंध में कलेक्टर के निर्देशों पर कार्यालय कलेक्टर (कॉलोनी सेल शाखा) द्वारा कॉलोनी के अपूर्ण विकास कार्यों के संबंध में प्राप्त शिकायतों के तारतम्य में कॉलोनाइजर को कारण बताओ सूचना पत्र प्रेषित किया गया। जिसके परिपालन में कॉलोनाइजर द्वारा अपना जवाब व शपथ पत्र प्रस्तुत कर शेष विकास कार्य पूर्ण करने हेतु 08 माह का समय चाहा गया। परन्तु कॉलोनाइजर द्वारा विकास कार्य पूर्ण नहीं किया गया, कॉलानाईजर द्वारा कॉलोनी विकास की अनुमति प्राप्त किये लगभग 13 वर्ष का समय हो गया, किन्तु आज दिनांक तक कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनी का विकास कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। जिसके संबंध में क्कङ्खष्ठ, क्क॥श्व, रूक्कश्वक्च से विकास कार्य के संबंध में जाँच प्रतिवेदन लिया गया जिसमें विकास कार्य अपूर्ण पाए गये एवं जिला पंजीयक इंदौर से बंधक भूखण्डों के विक्रय के संबंध में जॉच प्रतिवेदन लिया गया। जिसमें 212 भूखण्डों में से 168 भूखण्डों का विक्रय कॉलोनाईजर द्वारा कर दिया गया है। कॉलोनाइजर द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1993 (क्रमांक 1 सन् 1994) और उसके अन्तर्गत बनाये गये मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत (कॉलोनियों का विकास) नियम 2014 में निहित प्रावधानों का भी उल्लंघन है।