लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर गहरी बहस हुई, जब केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को इसे दोबारा पेश किया।
संसदीय समिति के अधिकारों पर उठे सवाल
बहस की शुरुआत रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सांसद एनके रामचंद्रन के तीखे सवाल से हुई। रामचंद्रन ने संयुक्त संसदीय समिति के अधिकारों पर सवाल उठाए, जो विधेयक की समीक्षा करने वाली थी। उनका कहना था कि समिति को विधेयक में किसी प्रकार का बदलाव करने का अधिकार नहीं था, क्योंकि उसे सदन से ऐसा करने के लिए स्पष्ट मंजूरी नहीं मिली थी। उन्होंने फरवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिए गए 14 बदलावों का हवाला दिया।
गृहमंत्री ने किया पलटवार
गृह मंत्री अमित शाह ने इन आरोपों का कड़ा खंडन किया और कहा कि समिति ने केवल सुझाव दिए थे, जिन्हें बाद में केंद्र सरकार ने स्वीकार कर कानून में शामिल किया। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “हमारी वक्फ विधेयक समिति कांग्रेस शासन की तरह कोई रबर स्टैंप समिति नहीं है, बल्कि यह परामर्शदात्री है।”
भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ संपत्ति
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने वक्फ संपत्तियों के इस्तेमाल को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि इन संपत्तियों का उद्देश्य केवल गरीब मुसलमानों की भलाई में होगा। रिजिजू ने यह भी जानकारी दी कि भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ संपत्ति है, और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए रिजिजू ने कहा कि अगर कांग्रेस की बात मानी जाती तो पुराना संसद भवन भी वक्फ बोर्ड को सौंप दिया जाता। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि यूपीए सरकार ने वक्फ कानून में बदलाव किए थे और 123 प्रमुख इमारतों को वक्फ को सौंप दिया था।
गैर-मुस्लिम सदस्य भी होंगे वक्फ बोर्ड में शामिल!
रिजिजू ने यह भी जानकारी दी कि वक्फ बोर्ड में 10 सदस्य होंगे, जिनमें दो मुस्लिम महिलाएं, दो सेवानिवृत्त जज और दो प्रोफेशनल्स के अलावा चार गैर-मुस्लिम सदस्य भी शामिल होंगे। संसद भवन में यह बहस वक्फ विधेयक के भविष्य और इसके प्रभावों को लेकर संसद में गरमागरम चर्चाओं का हिस्सा बनी, और देखने वाली बात होगी कि इस पर आगे क्या निर्णय होता है।