Navratri Ashtami: 30 मार्च से शुरू हुई चैत्र नवरात्रि ( Navratri ) की अष्टमी तिथि को लेकर भक्तों में संशय बना हुआ है कि यह 5 अप्रैल को पड़ेगी या 6 अप्रैल को। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, अष्टमी तिथि का आरंभ 4 अप्रैल की रात 11:57 बजे से होगा और यह 5 अप्रैल की रात 11:45 बजे तक रहेगी। इसलिए 5 अप्रैल को ही महाअष्टमी का व्रत और कन्या पूजन किया जाएगा। इस दिन मां महागौरी की उपासना की जाती है, जो शांति, समृद्धि और सुख का आशीर्वाद देती हैं। वहीं, 6 अप्रैल को रामनवमी का पर्व मनाया जाएगा, जो चैत्र नवरात्रि का समापन दिवस भी है।
चैत्र Navratri 2025 की महा अष्टमी
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र नवरात्रि ( Navratri ) में चतुर्थी और पंचमी तिथियां एक साथ होने के कारण नवरात्रि आठ दिनों की हो गई है। 3 अप्रैल 2025 को षष्ठी तिथि, 4 अप्रैल को सप्तमी तिथि और फिर 5 अप्रैल को महाअष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन मां महागौरी की पूजा की जाएगी और कन्या पूजन का विशेष महत्व रहेगा। इसके बाद 6 अप्रैल को रामनवमी का पर्व होगा, जो चैत्र नवरात्रि का समापन दिवस भी है।
महाअष्टमी तिथि का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी तिथि की शुरुआत 4 अप्रैल 2025 की रात 8:12 मिनट से होगी और यह 5 अप्रैल 2025 की शाम 7:26 बजे तक रहेगी। हिंदू धर्म में उदया तिथि को मान्यता दी जाती है, इसलिए अष्टमी व्रत और दुर्गा पूजन 5 अप्रैल को ही मनाया जाएगा। इस दिन मां महागौरी की विशेष पूजा, हवन और कन्या पूजन करने का विधान है, जिससे देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
चैत्र नवरात्रि 2025 की तिथियां और प्रमुख पर्व…
• 30 मार्च: प्रतिपदा तिथि (कलश स्थापना, घटस्थापना)
• 31 मार्च: द्वितीया तिथि
• 1 अप्रैल: तृतीया तिथि
• 2 अप्रैल: चतुर्थी और पंचमी तिथि (दो तिथियां एक साथ)
• 3 अप्रैल: छठ तिथि
• 4 अप्रैल: सप्तमी तिथि
• 5 अप्रैल: अष्टमी तिथि (महाअष्टमी, दुर्गा अष्टमी, कन्या पूजन)
• 6 अप्रैल: महानवमी तिथि (जवारे विसर्जन, राम नवमी)
इस बार पंचमी और चतुर्थी एक साथ होने से नवरात्रि आठ दिनों की होगी। महाअष्टमी 5 अप्रैल को और राम नवमी 6 अप्रैल को मनाई जाएगी।
दुर्गा सप्तशती पाठ के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन
दुर्गा सप्तशती का पाठ नवरात्रि के नौ दिनों तक किया जाता है, लेकिन अगर आप प्रतिदिन पाठ नहीं कर सकते, तो अष्टमी (5 अप्रैल), नवमी (6 अप्रैल) और चतुर्दशी के दिन इस पाठ को करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ये तीन तिथियां मां दुर्गा को विशेष रूप से प्रिय होती हैं और इन दिनों में पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।