सीताराम ठाकुर, भोपाल
सीएम हेल्पलाइन ( CM Helpline ) मप्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में होने वाले भ्रष्टाचार से लेकर योजनाओं का लाभ नहीं मिलने की शिकायतों का निराकरण करने के लिए तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में प्रारंभ की गई थी। इसमें ऑनलाइन शिकायतें की जाती हैं और इनका निराकरण करने एल-1 से लेकर एल-4 तक के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन 50 फीसदी शिकायतों का निराकरण नहीं होने पर भी उन्हें दवाब या संतुष्टि की आड़ में बंद कर दिया जाता है।
CM Helpline कागजी खानापूर्ति तक सीमित
वर्तमान में ऐसी 6 लाख से अधिक शिकायतें सरकारी विभागों में पड़ी हुई है। प्रदेश की जनता की समस्याओं का निराकरण करने के लिए प्रारंभ की गई सीएम हेल्पलाइन ( CM Helpline )अब केवल कागजी खानापूर्ति तक सीमित रही गई है, जबकि इसमें पीएम आवास, जननी सुरक्षा, कन्या विवाह, निकाह योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, किसान कल्याण, राष्ट:ीय परिवार सहायता, जल जीवन मिशन, कौशल विकास, विद्यार्थी कल्याण, विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति, पोस्ट मैट्रिक और प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिलने की वजह से पब्लिक इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन के जरिए कर सकते हैं। लेकिन अब सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों का निराकरण होने की अपेक्षा शिकायतकर्ता को दवाब डालकर, या निराकरण नहीं होने की आड़ में संतुष्टि के नाम पर इन शिकायतों को बंद कर दिया जाता है। जबकि सीएम हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों का निराकरण नहीं होने की स्थिति में अफसरों की जिम्मेदारी तय की गई थी, मगर सीएम हेल्पलाइन केवल खानापूर्ति का जरिया बनकर रह गई है और शिकायतकर्ता परेशान है, क्योंकि वे भ्रष्टचार सहित अन्य शिकायत जिस अफसर के खिलाफ करते हैं, उन्हें उसकी धमकी या पुलिस में मामला दर्ज होने का शिकार होना पड़ता है।
महत्वपूर्ण विभागों की स्थिति…
विभाग का नाम | शिकायत संख्या | बंद प्रतिशत में |
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योजना आर्थिक | 2,358 | 52.11% |
ग्रामीण विकास | 54,681 | 51.47% |
ऊर्जा विभाग | 28,766 | 50.25% |
गृह विभाग | 37,192 | 52.48% |
सामाजिक न्याय | 4,610 | 50.56% |
खाद्य आपूर्ति | 12,902 | 50.66% |
वित्त विभाग | 5,757 | 48.39% |
महिला बाल विकास | 4,501 | 49.95% |
नगरीय विकास | 38,398 | 48.47% |
पीएचई विभाग | 23,911 | 45.00% |
सूचना प्रौद्योगिकी | 6,049 | 44.62% |
राजस्व विभाग | 57,622 | 44.46% |
जल संसाधन | 5,456 | 43.05% |
स्वास्थ्य विभाग | 27,466 | 33.35% |
श्रम विभाग | 5,293 | 37.22% |
सामान्य प्रशासन | 2,971 | 45.58% |
3 करोड़ से अधिक शिकायतें दर्ज
सीएम हेल्पलाइन जब से प्रारंभ हुई है, तबसे लेकर 2 अप्रैल 2025 तक की स्थिति में 3 करोड़ 10 लाख 37 हजार 478 शिकायतें दर्ज हुई हैं और इनमें से 3 करोड़ 4 लाख 31 हजार 252 का निराकरण करने का दावा लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा किया गया है। सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर अभी भी 6 लाख शिकायतें पेंडिंग बताई जा रही है, जबकि अधिकांश विभागों में 30 से लेकर 50 फीसदी तक शिकायतें संतुष्टि की आड़ में बंद कर दी गई है। एल-1 और एल-2 के अधिकारी कई बार शिकायतों को बंद करवाने के लिए शिकायतकर्ताओं को धमकी तक देने का काम करते हैं, इस मामले में मुख्यमंत्री ने कई अधिकारियों पर भी कार्रवाई की है।
अफसर भी नहीं हैं गंभीर
सीएम हेल्पलाइन में मिलने वाली शिकायतों का समाधान करने के प्रति अफसर गंभीर नहीं है। यहीं कारण है कि कई बार मुख्यमंत्री अथवा मुख्य सचिव को ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध एक्शन लेना पड़ता है। अधिकारी शिकायतों का निराकरण करने की अपेक्षा उसे उलऌाा के रखते है। इस मामले में मप्र हाई कोर्ट ने भी जुर्माना लगाया है। ऐसी सैकड़ों शिकायतें पीएमओ में भी आईएएस अधिकारियों के खिलाफ हुई है, लेकिन उनके खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सिंचाई सुविधाओं का लाभ नहीं
जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों के खेतों तक सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का काम किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों से जुड़ी सीएम हेल्पलाइन की 26 मार्च 2025 की स्थिति में 3, 450 शिकायतें पेंडिंग हैं। इनमें खासकर राजगढ़ में 496, शिवपुरी में 330, रीवा में 306, टीकमगढ़ में 272, छिंदवाड़ा जिले में 274 सहित अन्य जिलों में 3, 450 शिकायतें पानी से जुड़ी हुई लंबित हैं।