Land mafia खुलेआम चुनौती देते हैं पुलिस और प्रशासन को


राजेश राठौर
EXCLUSIVE

स्वतंत्र समय, इंदौर

भू-माफिया ( Land mafia ) कभी राजनीति के बल पर, तो कभी अफसरों को रिश्वत खिलाकर, तो कभी अफसरों को दारू-मुर्गा खिलाकर खरीद लेता है। अब तो, हद ये हो गई है कि इंदौरी भू-माफिया अफसरों के बिस्तरों का इंतजाम भी करने में लग गये हैं। यही कारण है कि डायरी वाले कालोनाइजर से लेकर सारे भू-माफिया, गरीबों के करोड़ों रूपये खाकर खुलेआम शहर में घूम रहे हैं।

अफसरों ने भी Land mafia को डकैतों की तरह लूटा

पिछले दस साल का इतिहास देखें तो भू-माफिया ( Land mafia ) के खिलाफ कई बार अभियान चले, जितनी बार भी अभियान चले आम जनता का दस प्रतिशत फाय़दा भी नहीं हुआ। अफसरों ने भू-माफिया को डकैतों की तरह लूटा। सूत्र दावे के साथ कहते हैं कि एक भू-माफिया जो कई बार फरार रहा और बाद में गिरफ्तार भी होना पड़ा। उसकी पत्नी ने एक आईपीएस अफसर की जो सेवा की, उसकी चर्चाएं अभी तक होती हैं। दस सालों में कम से कम 1000 करोड़ रूपये की रिश्वत अफसरों ने भू-मफियाओं से खाई है। इसी कारण भू-माफियाओं को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। अफसरों ने भू-माफियाओं के साथ ऐसा ‘गठबंधन’ किया कि इंदौर के एक तेज तर्रार आईएएस अफसर कहे जाने वाले, पहले करोड़ों की जमीन सीलिंग में बता दी, बाद में वहां तोडफ़ोड़ भी कर दी। जाते-जाते वही जमीन सीलिंग से बाहर निकाल दी। कनाडिय़ा रोड की पहाड़ी वाली कालोनी पर इस आईएएस अफसर ने कालोनाइजर को धमकाकर ‘एक लाख स्क्वायर’ फिट जमीन प्रधानमंत्री आवास योजना के ठीक सामने अपने ‘रिश्तेदार’ के नाम करा दी। सहकारिता विभाग के एक अफसर ने तो इतनी लूटपाट मचाई कि उसने हर हाउसिंग सोसायटी में ‘दस से पन्द्रह प्लाट अपने रिश्तेदारों और नौकरों के नाम’ पर ले लिए। अफसरों के काले कारनामों की बात करें तो इनका भू-माफिया से गठबंधन ऐसा उजागर होगा कि सबकी आंखें रोने लग जायेंगी। इंदौर में अफसरों का जो रहने का कारण है, वो सिर्फ और सिर्फ जमीन प्रेम है। हम आने वाले दिनों में ऐसे अफसरों के बारे में स-प्रमाण जानकारी देंगे कि किस-किस अफसर ने अपने ‘नौकर और रिश्तेदारों ’ के नाम पर जमीन खरीदी है।