क्या घर खरीदी में राहत दिलाएगा RBI का अगला कदम? मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग पर सबकी निगाहें

भारत के रियल एस्टेट बाजार में महंगाई का असर साफ नजर आ रहा है, जिससे घरों की बिक्री में बदलाव आया है। जहां महंगे घरों की बिक्री में वृद्धि हुई है, वहीं सस्ते घरों की बिक्री में गिरावट आई है। इस संकट के बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की अगली मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग पर सबकी निगाहें टिकी हैं। RBI की बैठक 7 से 9 अप्रैल के बीच होगी, जिसमें हो सकता है कि ब्याज दरों में कुछ राहत दी जाए।

रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़ी नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से मार्च तक 1 करोड़ रुपए से ऊपर के घरों की बिक्री में 16% की वृद्धि हुई है। वहीं, 50 लाख से कम कीमत वाले घरों की बिक्री में 9% की कमी आई है। रिपोर्ट के अनुसार, अब लोग महंगे घरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जबकि सस्ते घरों के लिए मांग घट रही है।

कीमतों में भारी वृद्धि

एनारॉक ग्रुप के अध्ययन के मुताबिक, पिछले एक साल में भारत के सात प्रमुख शहरों में घरों की कीमतों में 10% से 34% तक की बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली एनसीआर में सबसे ज्यादा 34% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि बेंगलुरु में 20% की वृद्धि हुई है। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से लक्जरी और अल्ट्रा-लक्जरी घरों के निर्माण से जुड़ी है, जिनकी मांग में इजाफा हुआ है।

क्या ब्याज दर में कमी संभव है?

रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि अगर RBI ब्याज दरों में कटौती करता है, तो इससे घर खरीदने का माहौल बेहतर हो सकता है। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पूरी के अनुसार, ब्याज दर में कमी से लोगों के लिए होम लोन लेना आसान होगा, जिससे बाजार में सुधार आ सकता है।

ब्याज दर 6% तक आने की उम्मीद

सिग्नेचर ग्लोबल के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि RBI ब्याज दर को 6% तक ला सकता है, जिससे होम लोन और रिटेल लोन की मांग में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, उनका कहना है कि इसका फायदा तब ही होगा जब बैंक इस राहत को जल्द लागू करें।

महंगाई में कमी, आर्थिक वृद्धि पर ध्यान देना चाहिए

गोल्डन ग्रोथ फंड के CEO अंकुर जालान के अनुसार, महंगाई में कमी आने के बाद RBI को अब देश की आर्थिक वृद्धि पर ध्यान देना चाहिए। अगर RBI ब्याज दर 0.25% और घटाता है, तो हाउसिंग सेक्टर में फिर से तेजी आ सकती है।

क्या कर्ज सस्ता होगा?

इंफ्रामंत्रा कंपनी के डायरेक्टर गर्वित तिवारी के अनुसार, 2025 की शुरुआत में घरों की बिक्री और सप्लाई दोनों में गिरावट आई है। यदि कर्ज सस्ता होता है, तो यह घरों की बिक्री को बढ़ाने में मदद कर सकता है और अधिक लोग होम लोन लेने के पात्र हो सकते हैं।