रामलला  के जन्मोत्सव पर हुआ सूर्यतिलक, लाखों दीपों की रोशनी से जगमगाएंगा सरयू का तट

अयोध्या में रामलला के जन्मोत्सव का उत्साह चरम पर पहुंच चुका है। रामनगरी में भक्तों का तांता लगा हुआ है और हर कोने में उल्लास की लहरें दौड़ रही हैं। जब मध्याह्न 12 बजे रघुकुल में रामलला का जन्म हुआ, तो यहां रामलला की आरती और भोग के साथ ही पूरी अयोध्या नगरी में मंगल गीत गुंजने लगे। यह अदभूत खुशी और उल्लास से रामभक्तो का उत्साह और भी बढ़ गया। राम जन्म के इस विशेष अवसर पर पूरे रामजन्मभूमि परिसर का दृश्य कुछ और ही खास नजर आ रहा है, जैसे हर दिशा से प्रभु श्रीराम का स्वागत किया जा रहा हो।

दिखा सजावट और भव्यता का अद्भुत संगम
चैत्र शुक्ल नवमी, सम्वत् 2082 के इस ऐतिहासिक दिन पर, राम मंदिर में दूसरी बार भव्य राम जन्मोत्सव का आयोजन हुआ। अयोध्या के प्रवेश द्वारों से लेकर राम मंदिर और रामजन्मभूमि परिसर तक, हर जगह सजावट और भव्यता का अद्भुत संगम नजर आया । यहां पंखा-बिछाने से लेकर पेयजल, चिकित्सा और शौचालय जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। इसके साथ ही, गर्मी और तेज धूप से बचने के लिए हर जगह कालीन बिछाए गए और सड़कों पर पानी का छिड़काव कर सफाई की गई है, ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इस ऐतिहासिक अवसर पर सुरक्षा भी पूरी तरह से चाक-चौबंद की गई। अनुमान है कि लगभग 25 लाख श्रद्धालु ने इस बार राम जन्मोत्सव में भाग लिया।

शाम को लाखों दीयों कि रोशनी में जगमगाएंगा सरयू का घाट

रामनवमी के शुभ अवसर पर शाम होते ही, अयोध्या का सरयू तट ढाई लाख दीपों से रोशन होगा, जो इस मौके को और भी यादगार बना देगा। दीप प्रज्वलन के लिए स्थानीय स्कूलों के शिक्षक और छात्र तैनात किए गए हैं, जो शाम 6:30 बजे से 7 बजे तक दीप जलाएंगे। खासतौर पर हनुमानगढ़ी, रामजानकी मंदिर, फतेहगंज और साहबगंज जैसे स्थानों पर भी विशेष आयोजन किए गए । वर्षों की प्रतिक्षा के बाद राममंदिर पर इस तरह रामनवमी के दिन रामलला के सूर्यतिलक के साथ अयोध्या की महिमा और भी अधिक उज्जवल हो रही है।