60 लाख का दावा… 40 लाख हेक्टेयर में हो सकी Irrigation

सीताराम ठाकुर, भोपाल

मप्र सरकार ने 2027 तक 60 लाख हेक्टेयर में सिंचाई  ( Irrigation  ) क्षमता विकसित करने का दावा किया है, लेकिन यह दावा पूरा होना मुश्किल लग रहा है। खासकर 31 मार्च 2025 की स्थिति में जल संसाधन विभाग द्वारा 35 लाख हेक्टेयर और नर्मदा घाटी से 7 लाख हेक्टेयर में ही सिंचाई कराई जा सकी है। इसके उलट बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट की प्रगति अभी भी जीरो बनी हुई है और जो प्रोजेक्ट कम्पलीड हुए है, वे भी 100 फीसदी पूरे नहीं हुए हैं। मप्र सरकार के दावों की पोल जल संसाधन विभाग के ही वार्षिक प्रतिवेदन ने खोल दी है।

अभी 35.94 लाख हेक्टेयर में Irrigation कराई जा सकी है

मुख्यमंत्री बनते ही मोहन यादव ने 2027 तक 60 लाख सिंचाई ( Irrigation ) क्षमता विकसित करने का दावा किया था और अगले पांच वर्षों में एक लाख करोड़ हेक्टेयर में सिंचाई करने का। वास्तविकता यह है कि जल संसाधन की रिपोर्ट में 35.94 लाख हेक्टेयर में सिंचाई कराई जा सकी है, वहीं नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की सिंचाई परियोजनाओं से 7 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो सकी है। उधर, एनवीडीए को दिसंबर 2024 तक 18.25 मिलियन एकड़ फीट नर्मदा के जल का उपयोग करना था, जिसमें भी सरकार विफल रही है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि जल संसाधन और एनवीडीए में इंजीनियरों की कमी। इन दोनों ही विभागों में ईएनसी, चीफ इंजीनियर, यांत्रिकीय सदस्य, ऊर्जा सदस्य सहित अधीक्षण यंत्री और फील्ड में कार्यपालन यंत्रियों के पद प्रमोशन नहीं मिलने की वजह से खाली पडेÞ हुए हैं। यहां तक एसडीओ, कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री, चीफ इंजीनियर और ईएनसी के पद प्रभार अथवा एक पद ऊपर पोस्टिंग से चलाया जा रहा है।

बड़ी परियोजनाएं भी पूरी नहीं हो सकी

मोहनपुरा, कुंडलिया, बाणसागर पेंच व्यपवर्तन जैसे बडेÞ सिंचाई प्रोजेक्ट पर करीब 7-8 सालों से काम चल रहा है, जबकि इन्हें 5 साल के भीतर कंपलीड कराया जाना था। लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही, भ्रष्टाचार और बार-बार टेंडर निरस्त करने अथवा नए ठेकेदार कंपनी को काम देने की वजह से यह प्रोजेक्ट लेट हुए और अभी भी 100 प्रतिशत कंपलीड नहीं कराए जा सके हैं। कई ठेकेदार तो बीच में ही काम छोडक़र भाग खडेÞ हुए।

बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट की स्थिति भी बेहतर नहीं…

क्रमांक प्रोजेक्ट का नाम लागत (₹ करोड़) सिंचाई होगी (हे.) प्रगति (%)
1 चंदेरी सूक्ष्म परियोजना 558.05 28,000 94
2 तलावड़ा बांध 264.02 60.27 00
3 छिंदवाड़ा कॉम्प्लेक्स 5,470.95 1,90,000 25
4 काठन जलाशय 392.71 15,000 10
5 मां रतनगढ़ बहुद्देशीय 392.71 15,000 02
6 पंचमनगर कॉम्प्लेक्स 674.90 25,000 88
7 हाटपिपल्या देवास 6,032.40 1,64,945 10
8 कयामपुर वृहद परियोजना 2,374.00 1,12,000 46
9 अपर बुढनेर वृहद 794.66 23,300 00
10 मछारेवा वृहद परियोजना 579.77 16,457 00
11 रामपुरा मनासा सूक्ष्म 1,208.89 65,400 30
12 मोहनपुरा वृहद 4,666.66 1,51,495 90
13 कुंडलिया वृहद बहुद्देशीय 4,614.73 1,39,600 98
14 पार्वती वृहद परियोजना 1,815.54 48,000 25
15 सुठालिया सिंचाई 1,375.24 49,800 27
16 नईगढ़ी सूक्ष्म परियोजना 856.04 5,000 78
17 बाणसागर परियोजना 4,977.88 2,98,844 80
18 लोअर और शिवपुरी 3,426.39 1,10,400 46
19 बीना परियोजना 4,182.06 90,000 49
20 बंडा सिंचाई परियोजना 3,219.62 80,000 34
21 हनौता परियोजना 1,392.42 40,000 40
22 पेंच व्यपवर्तन 3,395.70 1,26,647 95
23 शेर नदी इरीगेशन 1,463.54 47,450 03