इंदौर में दौड़ेंगी ग्रीनसेल मोबिलिटी की E Buses

स्वतंत्र समय, इंदौर

बढ़ते पेट्रोल डीजल के दामों को देखते हुए कई कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन ( E Buses ) बना रही है। इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट व्हीकल बनाने की दिशा में ग्रीनसेल मोबिलिटी काम कर रही है। इन इलेक्ट्रिक इंटरसिटी बसों के आने से ना सिर्फ यात्रियों को सहूलियत होगी बल्कि पर्यावरण प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी। कंपनी सौर्य ऊर्जा से वाहनों को दौड़ाने की दिशा में काम कर रही है।

कंपनी 475 E Buses तैयार करेगी

नेशनल इलेक्ट्रिक बस ( E Buses ) प्रोग्राम के तहत सरकार ने इसी कम्पनी को इलेक्ट्रिक बसें तैयार करने का ठेका दिया है। कम्पनी ने टैंडर प्रक्रिया के माध्यम से प्रदेश के कई शहरों के लिए 475 बसे तैयार करेंगी। इसमें अकेले इंदौर को सर्वाधिक 150 बसें मिलेगी। अगले माह से ई बसे इंदौर आना प्रारंभ हो जाएंगी। बसों के लिए आईसीटीएसएल दो स्थानों पर ई बसं के लिए चार्जिंग स्टेशन बनावा रहा है। जानकारी के मुताबिक ग्रीनसेल मोबिलिटी भारत का पहला इंटरसिटी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बस ब्राण्ड है, जिसकी शुरूआती योजना 24 शहरों में सेवा प्रदान करने की है। मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों ( E Buses  ) के संचालन को लेकर केंद्र सरकार ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसमें 472 बसों के लिए ग्रीन सेल को फाइनल किया गया है। इस साल के अंत तक प्रदेश के 6 शहरों में ई- बसों का संचालन शुरु करने की तैयारी है। बताया गया है की प्रदेश को 552 ई बसें मिलेगी, जिनमें 472 बसों के लिए ग्रीन सेल को फाइनल किया गया है। हालांकि, अभी यह जानकारी सामने नहीं आई है कि संबंधित फर्म किस दर पर इन बसों का संचालन करेगी।

बसों के लिए डिपो और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी होगा तैयार

अब ग्रीन सेल का संबंधित निकायों के साथ अनुबंध होगा। प्रदेश के 6 शहरों में 9 मीटर लंबी ई-बसों का संचालन होगा। इसके लिए संबंधित निकायों में बसों के लिए डिपो का निर्माण और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया जाएगा। इसके बाद, ई-बसें मध्य प्रदेश में आनी शुरू हो जाएंगी। बता दें कि इन बसों का संचालन जीसीसी मॉडल पर होगा। इसमें संबंधित फर्म बस खरीदेगी और उसके ड्राइवर, कंडक्टर, मेंटेनेंस की व्यवस्था भी खुद करेगी। इसके संचालन का प्रति किमी की दर से भुगतान किया जाएगा। इसमें भारत सरकार की तरफ प्रति बस संचालन के लिए प्रति किमी 22 रुपये का भुगतान किया जाएगा, जबकि बाकी का भुगतान राज्य सरकार करेगी। बता दें कि नेशनल इलेक्ट्रिक बस प्रोग्राम के तहत, केंद्र सरकार ने मई 2022 में 50,000 इलेक्ट्रिक बसों की योजना बनाई थी। पिछले साल, हरियाणा, कर्नाटका और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने इन बसों की आपूर्ति के लिए केंद्र द्वारा टेंडर जारी किए थे, लेकिन इन राज्यों को अब तक बसों की आपूर्ति नहीं हो पाई है।

किस शहर को कितनी बसें मिलेगी…

  • इंदौर को 150 बसे
  • भोपाल को 100
  • जबलपुर को 100
  • उज्जैन को 100
  • ग्वालियर 70
  • सागर को 32 बसें मिलेगी।