बिहार चुनाव से पहले JDU को बड़ा झटका, 15 नेताओं ने एक साथ दिया इस्तीफा

बिहार के मोतिहारी जिले से जदयू (जनता दल यूनाइटेड) को एक बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। यहां के ढाका विधानसभा क्षेत्र से जदयू के 15 पदाधिकारियों ने एक साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे जिले की राजनीति में हलचल मच गई है और यह इस्तीफा देने वाले नेता अब नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की धमकी दे रहे हैं।

इन नेताओं का आरोप है कि सरकार को वक्फ बिल को वापस लेना होगा, अन्यथा वे गांधीवादी तरीके से धरना-प्रदर्शन करेंगे। यह घटनाक्रम बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू के लिए चिंता का कारण बन गया है।

इस्तीफा देने वाले नेताओं की मांग

इस्तीफा देने वाले नेताओं का कहना है कि वे नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं और वक्फ बिल को लेकर आंदोलन करेंगे। इन नेताओं का कहना है कि यदि वक्फ बिल वापस नहीं लिया गया, तो वे प्रदेशभर में धरना-प्रदर्शन शुरू करेंगे। इस फैसले से जदयू के भीतर गहरा संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि इस्तीफा देने वालों में प्रमुख पदाधिकारी भी शामिल हैं।

मोतिहारी में जेडीयू का असर और गठबंधन का सवाल

2020 के विधानसभा चुनाव में मोतिहारी जिले के 12 विधानसभा क्षेत्रों में से केवल केसरिया क्षेत्र से जदयू की शालिनी मिश्रा ने ही जीत हासिल की थी, जबकि अन्य क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति कमजोर रही थी। वहीं, जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रमोद सिन्हा ने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था और भाजपा के टिकट पर रक्सौल से चुनाव लड़ा था। अब इस इस्तीफा देने वाले नेताओं के कदम से पार्टी की स्थिति और भी कमजोर हो सकती है।

ढाका विधानसभा का विशेष महत्व

ढाका विधानसभा क्षेत्र मुस्लिम बहुल है और यह शिवहर लोकसभा क्षेत्र में आता है। शिवहर से जदयू की लवली आनंद सांसद हैं, जबकि ढाका से भाजपा के पवन जायसवाल विधायक हैं। इस राजनीतिक घटनाक्रम के बीच चुनावी साल में दोनों प्रमुख दलों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा की संभावना है।

जदयू से इस्तीफा देने का सिलसिला पिछले कुछ समय से जारी है। हाल ही में जदयू के प्रवक्ता डॉ. कासिम अंसारी ने भी पार्टी छोड़ दी थी, और अब ढाका प्रखंड के 15 नेताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दिया है। यह घटनाक्रम जदयू के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि पार्टी के भीतर लगातार असंतोष बढ़ रहा है।

इस्तीफा देने वाले नेताओं की सूची

  • गौहर आलम – प्रखंड अध्यक्ष, युवा जदयू, ढाका
  • मो. मुर्तुजा – कोषाध्यक्ष, नगर परिषद, ढाका
  • मो. शबीर आलम – प्रखंड उपाध्यक्ष, युवा जदयू, ढाका
  • मौसिम आलम – नगर अध्यक्ष, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, ढाका
  • जफीर खान – नगर सचिव, ढाका
  • मो. आलम – नगर महासचिव, ढाका
  • मो. तुरफैन – प्रखंड महासचिव, युवा जदयू, ढाका
  • मो. मोतिन – नगर उपाध्यक्ष, ढाका
  • सुफैद अनवर – करमावा पंचायत युवा अध्यक्ष
  • मुस्तफा कमाल (अफरोज) – युवा प्रखंड उपाध्यक्ष
  • फिरोज सिद्धीको – प्रखंड सचिव, युवा जदयू, ढाका
  • सलाउद्दीन अंसारी – नगर महासचिव, ढाका
  • सलीम अंसारी – नगर महासचिव, ढाका
  • एकरामुल हक – नगर सचिव, ढाका
  • सगीर अहमद – नगर सचिव, ढाका

जदयू के ढाका प्रखंड अध्यक्ष नेहाल अख्तर ने इस इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने वाले नेताओं में से एक युवा अध्यक्ष को छोड़कर कोई भी नेता पार्टी का हिस्सा नहीं था। उनका आरोप है कि विपक्षी दलों द्वारा पार्टी को बदनाम करने के लिए यह साजिश रची जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इन नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है, तो उन्हें अपनी प्राथमिक सदस्यता का प्रमाण पेश करना चाहिए।

चुनावी साल में जदयू की चुनौतियाँ

जदयू के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर जब बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। जहां एक ओर विपक्षी दल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्वास्थ्य स्थिति पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पार्टी की अंदरूनी टूट और वक्फ बिल जैसे मुद्दे जदयू के लिए राजनीतिक संकट पैदा कर सकते हैं। चुनावी साल में जदयू के लिए यह स्थिति कठिन हो सकती है, और पार्टी को अपनी छवि सुधारने और असंतोष पर काबू पाने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है।