स्वतंत्र समय, भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने कहा-हम राजनेता हैं, तो हमें हर पांच साल में परीक्षा देनी होती है, लेकिन राज्य सेवा में चयनित युवाओं को यह सौभाग्य मिला है कि अब उन्हें तीस से पैंतीस सालों तक किसी परीक्षा का सामना नहीं करना पड़ेगा। आपने जो परीक्षा अभी तक दी है, वही काफी है। अब इस नई जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाएं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को CM Mohan Yadav ने किया संबोधित
मुख्यमंत्री सोमवार को प्रशासन अकादमी में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए शुरू हुए आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा-प्रशिक्षण, पढ़ाई के बाद की वह प्रक्रिया है जो व्यक्ति को जिम्मेदार पदों के लिए तैयार करती है। उन्होंने कहा कि बड़े पदों पर बैठने के बाद अपने ही करीबियों का भाव बदल जाता है। शिक्षण व्यक्ति को गढ़ता है, जबकि प्रशिक्षण व्यक्तित्व को निखारता है। सीएम यादव ने गीता के उदाहरण देते हुए कहा कि अफसरों को जल से बर्फ बनने का मौका मिला है, लेकिन अंतत: उन्हें फिर जल बनना है, यानी विनम्रता और लचीलापन बनाए रखना होगा।
आपको जो अधिकार मिले हैं, वे मेहनत का अवसर भी लेकर आए
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि हमें क्या करना है, हमारा उद्देश्य क्या है, यह स्पष्ट होना चाहिए। पहले खुद को जानें, तभी असली पहचान बनती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आउट ऑफ द बॉक्स सोचें और जनहित में उसका क्रियान्वयन करें। आपको जो अधिकार मिले हैं, वे मेहनत का अवसर भी लेकर आए हैं। भारतीय समाज एक सुसंस्कृत और आत्मनियंत्रित समाज है। अधिकारी इन शक्तियों का उपयोग सेवा-भाव और परिष्कृत दृष्टिकोण से करें। राज्य सेवा परीक्षा 2020 और 2021 बैच के 83 चयनित अधिकारियों में डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और नायब तहसीलदारों का संयुक्त आधारभूत प्रशिक्षण सोमवार से शुरू हो गया है। यह प्रशिक्षण 23 मई 2025 तक प्रशासन अकादमी चलेगा।
राम ने तप किया, तभी राजा बने: संजय दुबे
जीएडी के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने कहा कि प्रशिक्षण सिर्फ शैक्षणिक नहीं, व्यावहारिक दृष्टि से भी दिशा देता है। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने जब तप किया, तभी वे राजा बने। इसी तरह आप सभी अधिकारी आम नागरिक की सेवा के लिए चयनित हुए हैं। जनसेवा का यह मौका तपस्या के समान है। उन्होंने कहा कि फील्ड में आपके हर निर्णय को जनप्रतिनिधियों, नागरिकों और वरिष्ठ अधिकारियों की कसौटी पर परखा जाएगा। यदि प्रशिक्षण के दौरान या बाद में किसी तरह की चूक होती है, तो उसका प्रभाव आपके पूरे करियर पर पड़ सकता है।