ईपीएफओ ने चेहरे से सत्यापन की सुविधा शुरू की, अब UAN जनरेट करना होगा और भी आसान

अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्य अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) को चेहरे के सत्यापन के द्वारा आसानी से जनरेट और सक्रिय कर सकते हैं। इस नई पहल से अब यह प्रक्रिया और भी सरल, सुरक्षित और डिजिटल हो गई है। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने इस बारे में जानकारी दी और बताया कि यह कदम कर्मचारियों के लिए पूरी तरह से संपर्क-रहित सेवा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

उमंग ऐप से मिलेगा सुविधा का लाभ

अब कर्मचारी उमंग मोबाइल ऐप का उपयोग करके आधार चेहरा सत्यापन तकनीक (एफएटी) के जरिए अपना यूएएन खुद ही जनरेट कर सकते हैं। यह सुविधा न केवल नए कर्मचारियों के लिए है, बल्कि जिनके पास पहले से यूएएन है, वे भी इस ऐप के माध्यम से उसे सक्रिय कर सकते हैं।

 24,000 नए कर्मचारी होंगे लाभान्वित

केंद्रीय मंत्री ने बिहार के छह जिलों – अररिया, सहरसा, औरंगाबाद, बांका, पूर्वी चंपारण और गोपालगंज को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत पूरी तरह से अधिसूचित करने की घोषणा भी की। इससे लगभग 24,000 अतिरिक्त बीमित कर्मचारी ईएसआईसी की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में आ जाएंगे।

पेंशनभोगियों के लिए भी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र

आने वाले समय में ईपीएफओ पेंशनभोगियों को उनके दरवाजे तक सेवाएं प्रदान करने के लिए माई भारत के सहयोग से चेहरा सत्यापन प्रौद्योगिकी से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएगा। यह कदम भी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए पूरी तरह से डिजिटल और सुरक्षित सेवा वितरण की ओर एक और अहम कदम होगा।

ईपीएफओ का शानदार कदम: यूएएन का डिजिटल सृजन और सक्रियण

ईपीएफओ ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1.26 करोड़ यूएएन आवंटित किए, लेकिन इनमें से केवल 44 लाख यूएएन ही सक्रिय किए गए थे। अब उमंग ऐप के माध्यम से इस प्रक्रिया को और भी आसान और तेज बनाया गया है। इस पहल से ईपीएफओ के करोड़ों सदस्य एक डिजिटल और सुरक्षित भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकेंगे।