शिवराज सिंह चौहान की बहू अमानत की राजनीति में एंट्री, कहा- “बेटी बनकर करूंगी जनता की सेवा”

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की बहू अमानत चौहान ने राजनीति में अपनी एंट्री कर दी है। भाजपा के स्थापना दिवस पर बुधनी विधानसभा क्षेत्र के भैंरूदा में आयोजित कार्यक्रम में अमानत ने सार्वजनिक मंच से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। उनके इस कदम ने राजनीति के गलियारों में हलचल मचा दी है, और इसके साथ ही कई कयास लगाए जा रहे हैं कि वह भविष्य में इस क्षेत्र की राजनीतिक जिम्मेदारी संभाल सकती हैं।

अमानत ने किया भाजपा स्थापना दिवस कार्यक्रम में संबोधन

अमानत चौहान ने भाजपा के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “मेरे पिता तुल्य केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान इस क्षेत्र और देश की सेवा राजनीति के माध्यम से कर रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने उन्हें असीम प्यार और सम्मान दिया है, जिसके लिए मैं सभी का आभार व्यक्त करती हूं।” अमानत ने यह भी कहा कि यह उनकी पहली बार भैरूंदा की धरती पर आने का मौका था और यहां मिले प्रेम और स्वागत से वह अभिभूत हैं। उन्होंने आगे कहा, “मैं क्षेत्र की बेटी और बहू के रूप में जनता की सेवा करने का प्रयास करूंगी।”

अमानत के इन शब्दों से यह साफ संकेत मिलता है कि वह भविष्य में इस क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में यह चर्चाएं तेज कर दी हैं कि वह जल्द ही क्षेत्र के राजनीतिक मोर्चे पर कदम रखेंगी और परिवार की राजनीतिक जिम्मेदारी संभाल सकती हैं।

अमानत चौहान की इस राजनीतिक घोषणा के बाद, कई लोगों का मानना है कि वह आने वाले समय में शिवराज सिंह चौहान के उत्तराधिकारी के रूप में इस क्षेत्र की राजनीतिक बागडोर संभाल सकती हैं। उनका यह वक्तव्य उस दिशा में संकेत करता है, जहां वह भविष्य में राजनीति के उच्च स्तर पर अपनी पहचान बना सकती हैं। इस कदम के साथ ही वे अपने ससुर शिवराज सिंह चौहान की तरह भाजपा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

शिवराज सिंह चौहान का बुधनी क्षेत्र से हैं गहरा नाता

शिवराज सिंह चौहान का बुधनी-भैरूंदा क्षेत्र से एक गहरा जुड़ाव है। वह इस क्षेत्र को अपना परिवार मानते हैं, और कई बार इस बात का उल्लेख सार्वजनिक मंचों पर कर चुके हैं। जब वह विदिशा लोकसभा से चुनाव लड़ रहे थे, तो उस चुनाव की जिम्मेदारी उनके बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान ने संभाली थी। कार्तिकेय, जो अब अमानत के पति हैं, भी हमेशा इस क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं और उनका क्षेत्र की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।