Weather Update: उत्तर भारत के कई हिस्सों में मौसम ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बीते 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार में आंधी-तूफान, ओलावृष्टि और आकाशीय बिजली की घटनाओं ने तबाही मचा दी है। इन प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आकर कम से कम 53 लोगों की जान चली गई है। इस भयावह मौसम से सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि कई इलाकों में मकानों, पेड़ों और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं।
बिहार के विभिन्न जिलों में आकाशीय बिजली गिरने और आंधी-तूफान की वजह से अब तक 25 लोगों की जान जा चुकी है। इस दर्दनाक घटना पर राज्य सरकार ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के प्रशासन को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं, साथ ही राहत और बचाव कार्यों को तेजी से चलाने का आदेश दिया है, ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सहायता मिल सके।
उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदप्रयाग में भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार हो रही बारिश के चलते पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की आशंका जताई जा रही है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यात्रियों और स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। साथ ही, राहत और सुरक्षा के इंतजामों को लेकर संबंधित विभागों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अगले दो दिनों तक देश के 20 से ज्यादा राज्यों में तेज आंधी-तूफान, बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। जहां एक ओर कई राज्यों में बारिश और तूफान से लोगों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में लू यानी हीटवेव की चेतावनी जारी की गई है। खासकर राजस्थान के 16 जिलों में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बारिश होने की संभावना जताई गई है, जिससे वहां के मौसम में हल्का बदलाव देखा जा सकता है। मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की अपील की है।
मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें। विभाग ने सलाह दी है कि आंधी, तूफान या आकाशीय बिजली गिरने की स्थिति में खुले स्थानों पर न जाएं, पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें और मौसम की चेतावनियों पर सतर्क रहें। साथ ही, राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन को भी राहत और बचाव कार्यों के लिए अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता पहुंचाई जा सके और जनहानि को रोका जा सके।