टैरिफ युद्ध की आशंकाओं के बीच शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार में उछाल देखा गया। हालांकि, अमेरिकी डॉलर के गिरते मूल्य और वित्तीय बाजार में उतार-चढ़ाव ने यह संकेत दिया कि अमेरिका और चीन के बीच संभावित टैरिफ युद्ध को लेकर बाजार में डर का माहौल बना हुआ है। इस दौरान एसएंडपी 500 में 1.8 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई, जबकि डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 340 अंकों की गिरावट के साथ खुलने के बाद 810 अंकों तक की बढ़त पर पहुंचा और अंततः 619 अंकों या 1.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बंद हुआ।
शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार की स्थिति सकारात्मक रही, जहां नैस्डैक कंपोजिट में 2.1 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया। कुल मिलाकर एसएंडपी 500 में 95.31 अंकों की बढ़त के साथ यह 5,363.36 पर पहुंच गया। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 619.05 अंकों की तेजी के साथ 40,212.71 पर बंद हुआ, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 337.14 अंकों की बढ़त के साथ 16,724.46 पर बंद हुआ। माना जा रहा है कि शेयरों में यह उछाल अमेरिकी बॉन्ड बाजार से दबाव कम होने की वजह से हुआ है। 10 साल के ट्रेजरी बॉन्ड पर प्रतिफल सुबह 4.58 प्रतिशत तक पहुंच गया था, जो एक सप्ताह पहले 4.01 प्रतिशत था, हालांकि दोपहर तक यह घटकर 4.48 प्रतिशत रह गया। ऐसे उतार-चढ़ाव से अमेरिका में मॉर्गेज और अन्य कर्जों की ब्याज दरें बढ़ सकती हैं, जिससे देश की आर्थिक रफ्तार धीमी पड़ने की आशंका है।
अमेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ युद्ध के चलते अमेरिकी उपभोक्ताओं में डर और संशय का माहौल बन गया है, जिससे मंदी की आशंका और भी गहरा गई है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस व्यापार युद्ध के कारण अमेरिका के बाहर के निवेशक अपने यूएस बॉन्ड बेच सकते हैं, खासकर हेज फंड और अन्य संस्थान जो नुकसान की भरपाई के लिए ऐसा कदम उठा सकते हैं। इससे अमेरिकी बाजार की वैश्विक प्रतिष्ठा, जिसे अब तक दुनिया का सबसे सुरक्षित माना जाता था, पर भी सवाल उठने लगे हैं। शुक्रवार को यूरो, जापानी येन और कनाडाई डॉलर के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की कीमतों में गिरावट देखी गई। व्यापार युद्ध के इस असर से अमेरिकी उपभोक्ता संशकित हो गए हैं, जिससे उनके खर्च पर असर पड़ सकता है और यह स्थिति अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।