Govt Employees Retirement Age increased: लंबे समय से रिटायरमेंट की उम्र में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को आखिरकार राहत मिली है। प्रदेश सरकार ने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का फैसला ले लिया है। सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब सरकारी कर्मचारी 65 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे। पहले यह उम्र 62 वर्ष थी, यानी रिटायरमेंट की सीमा में तीन साल की बढ़ोतरी कर दी गई है। इस फैसले से लाखों कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलेगा और उन्हें सेवा में बने रहने का अतिरिक्त अवसर प्राप्त होगा।
मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसरों और डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ी
जानकारी के अनुसार, भगवंत मान कैबिनेट ने एक अहम फैसले में मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर के तौर पर तैनात कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस निर्णय के बाद अब प्रोफेसरों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 65 साल कर दी गई है। यही नहीं, स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत मेडिकल ऑफिसर्स यानी विशेषज्ञ डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र भी 58 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है। इस फैसले से राज्य के स्वास्थ्य तंत्र को मजबूती मिलेगी और अनुभवी चिकित्सा विशेषज्ञों की सेवाएं अधिक समय तक मिल सकेंगी।
स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को मिलेगा 7 साल का एक्सटेंशन
भगवंत मान कैबिनेट ने मेडिकल क्षेत्र को सशक्त करने के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने तय किया है कि 58 साल की उम्र में रिटायर होने वाले स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को अब 65 साल की उम्र तक सेवा विस्तार (एक्सटेंशन) दिया जाएगा। इसका मतलब है कि ये डॉक्टर रिटायरमेंट के बाद भी 7 साल तक कॉन्ट्रैक्ट आधार पर कार्य कर सकेंगे। खास बात यह है कि उन्हें इस एक्सटेंशन के दौरान वही वेतन मिलेगा, जो 58 साल की उम्र में उनका आखिरी वेतन था। सरकार के इस कदम से राज्य में अनुभवी चिकित्सकों की उपलब्धता बनी रहेगी और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
पंजाब कैबिनेट का बड़ा फैसला: एजी ऑफिस में SC वर्ग को आय मानदंड में छूट
कैबिनेट बैठक में पंजाब सरकार ने पंजाब लॉ ऑफिसर्स (एंगेजमेंट) एक्ट, 2017 में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इस संशोधन का उद्देश्य अनुसूचित जाति (SC) समुदाय के योग्य उम्मीदवारों को एजी (एडवोकेट जनरल) कार्यालय, पंजाब में संविदा आधारित कानून अधिकारियों के रूप में नियुक्ति में आय मानदंड से छूट देना है। संशोधन के तहत अब एजी ऑफिस के 58 पदों—जैसे सीनियर एडवोकेट जनरल, एडिशनल एडवोकेट जनरल, सीनियर डिप्टी एडवोकेट जनरल, डिप्टी एडवोकेट जनरल, असिस्टेंट एडवोकेट जनरल और एडवोकेट जनरल—पर आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। यह फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।