स्वतंत्र समय, इंदौर
इंदौर विकास प्राधिकरण वार्ड क्रमांक 37 में तुलसी नगर से एडवांस एकेडमी तक मास्टर प्लान ( Master plan ) के तहत नई सडक़ का निर्माण कर रहा है। इस प्रक्रिया में राधिका पैलेस के खुले नाले को छोटी नाली में बदल दिया गया है। पहले 10-15 फीट चौड़ा यह नाला अब मात्र 4-5 फीट की नाली में सिमट गया है। स्थानीय निवासियों ने इस बदलाव पर कड़ा विरोध दर्ज किया है।
Master plan में नाले को रिटेनिंग वॉल से बनाया नाली
इस मामले में रहवासियों का कहना है कि नाले की चौड़ाई कम करने से बारिश के मौसम में आसपास की कॉलोनियों में जलभराव की गंभीर समस्या हो सकती है। यह नाला स्कीम नंबर 134 से बहकर आता है। सडक़ निर्माण के लिए आईडीए ने नाले के बीच में रिटेनिंग वॉल बनाकर इसका कुछ हिस्सा भर दिया है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि सडक़ की दूसरी ओर स्थित दुकानों को बचाने के लिए नाले को एक तरफ शिफ्ट किया गया है। यह कदम राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के नियमों का उल्लंघन करता है, जो किसी भी खुले नाले को बंद करने या उसकी चौड़ाई-गहराई बदलने पर रोक लगाता है।
बरसात में जलभराव का खतरा
रहवासी महासंघ के संयोजक केके झा और अध्यक्ष राजेश तोमर ने बताया कि राधिका पैलेस में नगर निगम द्वारा निर्मित पुलिया के नीचे तक रिटेनिंग वॉल खड़ी कर दी गई है। इससे बारिश में पानी का बहाव बाधित होने की संभावना है, जिससे जलभराव का खतरा और बढ़ गया है। निवासियों का कहना है कि यह निर्माण कार्य न केवल पर्यावरण नियमों का उल्लंघन है, बल्कि उनके दैनिकजीवन को भी प्रभावित करेगा।
आईडीए से उचित कार्रवाई की मांग
वार्ड क्रमांक 36 और 37 के रहवासी महासंघ के संयोजक के.के. झा और अध्यक्ष राजेश तोमर ने आईडीए से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने नाले की मूल चौड़ाई को यथावत रखने और तुलसी नगर पुलिया से बीसीएम पैराडाइज चौराहे तक बनने वाली सडक़ की चौड़ाई को मास्टर प्लान के अनुरूप बढ़ाने का अनुरोध किया है।
आईडीए और नगर निगम इस मामले में हस्तक्षेप करें
उनका कहना है कि क्षेत्र में बढ़ता ट्रैफिक दबाव इसकी जरूरत को और स्पष्ट करता है। निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इस दिशा में कदम नहीं उठाए गए, तो बारिश का मौसम क्षेत्र के लिए बड़ी मुसीबत ला सकता है। आईडीए और नगर निगम से इस मामले में त्वरित और प्रभावी हस्तक्षेप की अपेक्षा की जा रही है।