भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस ने धर्म का दुरुपयोग करके देश में नफरत फैलाने के लिए बहुत सारे लोग तैयार किए हैं जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से देश को बांटने का काम करते हैं और उनका उद्देश्य सिर्फ एक है हिंदू वोटो का ध्रुवीकरण। इसी श्रेणी में आता है ’व्यापारी’ रामदेव का नाम जिन्होंने हिंदुत्व, स्वदेशी और राष्ट्रवाद के नाम से नफरत का बीज तो बोया ही बोया, उसी की आड़ में पतंजलि के गुणवत्ता विहिन उत्पादों को बेचने का काम भी बखूबी किया। आज हम ’व्यापारी’ रामदेव की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपने गुलाब शरबत को बेचने के लिए “रूह अफजा“ शरबत को हिंदू मुस्लिम विवाद में डाल दिया और मोहब्बत के शरबत को “शरबत जिहाद“ का नाम दे दिया। हमारा संविधान ऐसे नफरत भरे बयान देने की खिलाफत करता है जो आपस में बैर भाव उत्पन्न करें और देश का सद्भाव बिगाड़ने का प्रयास करें। झूठ, अफवाह और सांप्रदायिकता का जहर फैलाने की चलती फिरती दुकान व्यापारी रामदेव की सीधी निगाह पूरे देश की बेशकीमती जमीनों पर है। रामदेव केवल हिंदू धर्म का सौदागर है जो व्यापार और भाजपा को लाभ दिलाने के लिए सांप्रदायिक जहर फैलाने का काम करता है।
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कंपनी के कर्ताधर्ता ’’व्यापारी रामदेव’’ द्वारा अपना व्यापार बढाने के उद्देश्य से दिनांक 03.04.2025 को अपनी एक्स आई.डी ’’स्वामी रामदेव’’ ;/लवहतपेपतंउकमअद्धके माध्यम से एक वीडियो प्रसारित किया है जिसमें ’’व्यापारी रामदेव’’ ने पतंजलि के गुलाब शरबत की मार्केटिंग करते हुये कहा कि ’’ शरबत के नाम पर एक कंपनी है जो शरबत देती है लेकिन वह शरबत से जो पैसा मिलता है उससे मदरसे और मस्जिद बनवाती है। ठीक है यह उनका मजहब है लेकिन आप यदि वह शरबत पियेगें तो मस्जिद और मदरसे बनेगें और पतंजलि का गुलाब शरबत पीते हैं तो गुरूकुल बनेगें, आचार्य कुलम बनेगा, पतंजलि विश्वविद्यालय भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढे़गा। इसलिये मैं कहता हूं यह शरबत जिहाद भी है, जैसे लव जिहाद, वोट जिहाद चल रहा है, ऐसे शरबत जिहाद भी चल रहा है।’’ रामदेव का यह बयान धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है एवं वैमनस्य पूर्ण एवं धार्मिक भावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव वाला है तथा भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 196 (1) (क), 299 एवं आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है।
’व्यापारी’ रामदेव ने अपने उत्पादों को बेचने के लिये धर्म तथा राष्ट्रवाद का सहारा लेकर करोड़ों रूपये का साम्राज्य बनाया जबकि पतंजलि के कई उत्पाद तय मानकां पर खरे नहीं उतरे है जिनमें से कई उत्पादों को सक्षम न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित भी किया गया है। ’व्यापारी’ रामदेव ने कोविड महामारी में भी अवसर का लाभ लेने से स्वयं को अछूता नहीं रखा और कोरोना की वैक्सीन बनाने के झूठे वादे करते हुये पूरे भारत देश को छलने का प्रयास किया और बाद में सर्वोच्च न्यायालय की फटकार पड़़ने पर मांफी मांग ली। परन्तु अपने कृत्यों से आज भी जनमानस को भ्रमित कर उनकी धार्मिक भावनाओं से खिलवाड कर रहे हैं।
’व्यापारी’ रामदेव ने बिना नाम लिये जिस शरबत कंपनी का जिक्र किया है उस ’हमदर्द’ कंपनी को पूरा देश जानता है। ’हमदर्द’ कंपनी हमारे देश में लगभग 100 वर्षां से आयुर्वेदिक एवं यूनानी दवाओं का व्यापार कर रही है। ’व्यापारी’ रामदेव का ’’रूह अफजा’’ शरबत का विरोध सिर्फ इसलिये है क्योंकि उस कंपनी का मालिक मुस्लिम है यह पूरी तरह से हेट स्पीच है तथा उक्त शरबत की बिक्री को ’’शरबत जिहाद’’ कहना असंवैधानिक है।
वर्तमान में देश में कई बड़ी कंपनिया जैसे विप्रो, सिप्ला, हिमालया एवं मेट्रो शूज कंपनी इत्यादि के मालिक मुस्लिम है, जिनमें काम करने वाले अधिकांश लोग हिन्दू है जो इन कंपनियों में काम करके अपना तथा अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे है तथा देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रहे है, तो क्या वह अपनी कंपनी के माध्यम से जन-मानस में आईटी, दवा, आयुर्वेद एवं जूता जिहाद फैला रहे हैंघ् और क्या उनमें काम करने वाले लोग जिहादी हैंघ्
हमारी मांग है कि ’व्यापारी’ रामदेव द्वारा अपने उत्पाद का विक्रय बढ़ाने के लिये देशवासियों में धार्मिक भावनाओं को भड़काते हुये अपने एक्स अकाउंट के माध्यम से जारी वीडियो से देशवासियों के मध्य घृणा, नफरत व द्वेष फैलाने का जो कार्य किया गया है वह अत्यंत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है जिस पर ’व्यापारी’ रामदेव के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 196 (1)(क), 299 एवं आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर उचित व कठोर कार्यवाही की जाये। भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूह के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सद्भाव को बिगाड़ने के लिए दंड का प्रावधान है।
’व्यापारी’ रामदेव ने अपने उत्पादों को बेचने के लिए धर्म, स्वदेशी और राष्ट्रवाद का सहारा लेकर करोड़ों रुपए का साम्राज्य बनाया जबकि पतंजलि के कई सारे उत्पाद तय मानकों पर खरे नहीं उतरे और सक्षम अदालतों द्वारा बैन कर दिए गए। उसके बाद भी सिर्फ भाजपा सरकार की सरपरस्ती की वजह से रामदेव की कम्पनी पतंजलि की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा। ’व्यापारी’ रामदेव ने कोरोना के नाम से कोरोना की वैक्सीन बनाने के झूठे दावे कर पूरे देश को छलने का प्रयास किया और कोर्ट की फटकार पर माफी मांग ली। क्या माफ़ी मांग लेने से अपराध कम हो जाता है?
हमारा सीधा आरोप है कि व्यापारी रामदेव “शरबत जिहाद“ जैसे शब्दों से लोगों की भावनाओं को भड़काकर केवल आर्थिक लाभ हेतु देश में नफरत का जहर घोल रहे हैं और वो भी सिर्फ इसलिए कि हमदर्द कंपनी का मलिक इस्लाम को मानने वाला है। यह देश की अखंडता के खिलाफ है तथा देश के धार्मिक सद्भाव के माहौल को बिगाड़ने का कुत्सित प्रयास है जो कि कानूनन अपराध भी है। हम ऐसे देश विरोधी कृत्य के खिलाफ लीगल एक्शन की सरकार से मांग करते हैं तथा हम आज भोपाल में ’व्यापारी’ रामदेव के खिलाफ नफरती बयान देने पर विधिवत एफ आई आर दर्ज़ करवाने जा रहे हैँ। हमारी सरकार से मांग है कि ’व्यापारी’ रामदेव के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाये। सीधी बात ये है कि देश के किसी भी नागरिक या संस्था को कोई भी यदि धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव व साजिश का शिकार बनाएगा तो कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर संसद तक उसका विरोध करेगी।