CM यादव का किसानों को बड़ा तोहफा, बैंकों के कर्ज पर ब्याज चुकाएगी सरकार

मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि जो किसान सहकारी बैंकों से लिए गए कर्ज का भुगतान 31 मार्च 2025 तक नहीं कर पाए हैं और डिफाल्टर हो गए हैं, उनके कर्ज की ब्याज राशि राज्य सरकार वहन करेगी। यह ऐलान ऐसे समय में आया है जब किसान लगातार कर्ज, ब्याज और सरकारी नीतियों के चलते चिंता में हैं।

किसान संघ की बैठक में हुआ फैसला

यह घोषणा उस वक्त हुई जब भारतीय किसान संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला और किसानों से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने विशेष रूप से उन किसानों की बात उठाई जो समय पर सहकारी बैंकों का कर्ज नहीं चुका पाए और अब उन्हें अतिरिक्त ब्याज का सामना करना पड़ रहा है।

सीएम ने प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया कि सरकार किसानों के साथ है और किसी को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “ब्याज की चिंता मत कीजिए, सरकार आपके साथ खड़ी है।”

भू-अधिग्रहण संशोधन पर भी किसान संघ ने रखी आपत्ति

इस बैठक में सिर्फ कर्ज ही नहीं, बल्कि भू-अधिग्रहण कानून में प्रस्तावित संशोधन को लेकर भी चर्चा हुई। किसान संघ ने साफ तौर पर कहा कि किसानों को विश्वास में लिए बिना कोई अधिग्रहण नहीं होना चाहिए। उनकी सहमति के बिना जमीन लेना न्यायसंगत नहीं है।

मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश (संशोधन) विधेयक 2025 पर भी चर्चा हुई, जहां किसान संघ ने राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन के बाद महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

राज्य में 4523 सहकारी समितियां करती हैं किसानों की मदद

मध्यप्रदेश में कुल 4523 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां हैं, जो किसानों को खाद, बीज और अन्य कृषि आवश्यकताओं के लिए ऋण उपलब्ध कराती हैं। यह लोन शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाता है, यानी किसानों को मूलधन चुकाना होता है, ब्याज नहीं। लेकिन समय पर कर्ज नहीं चुका पाने की स्थिति में ब्याज और दंडात्मक ब्याज लगने लगता है, जिससे किसान आर्थिक रूप से और दबाव में आ जाते हैं।